Masood Azhar भारत के हमले में जिसकी जान तो बच गई, लेकिन परिवार मारा गया, जानें पूरी कुंडली

JeM Chief Masood Azhar: भारत की सेना ने मंगलवार-बुधवार की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों को निशाना बनाया. इनमें बहावलपुर की सुभान अल्लाह मस्जिद भी शामिल है. यह जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना है. इस संगठन को मसूद अजहर चलाता है.

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नई दिल्ली:

Masood Azhar: भारतीय वायुसेना और सेना ने बुधवार तड़के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में कुल नौ जगहों पर निशाना बनाया. इन ठिकानों पर की गई स्ट्राइक में करीब 100 लोगों के मारे जाने की संभावना है. भारतीय सुरक्षा बलों ने जिन जगहों पर निशाना बनाया उनमें पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित एक मस्जिद भी शामिल है. सुभान अल्लाह नाम की यह मस्जिद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना है. भारत के हमले में जैश-ए़-मोहम्मद के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार करीबी भी शामिल हैं. मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम भारत में हुए कई आतंकी हमलों में सामने आया है. आइए जानते हैं कि कौन हैं मसूद अजहर जिसने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की है. 

मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की गई जान

भारतीय सेना ने बहावलपुर की सुभान अल्लाह मस्जिद को निशाना बनाया गया. यह मस्जिद जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना है. इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार दूसरे करीबी इस हमले में मारे गए हैं.यह जानकारी जैश ने एक बयान में दी. हमले में मारे गए लोगों में मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन और उसका पति, मसूद अजहर का भतीजा और उसकी पत्नी, एक अन्य भतीजी और उसके परिवार के पांच बच्चे शामिल हैं. इनके अलावा मसूद अजहर का एक करीबी सहयोगी और उसकी मां और दो अन्य करीबी सहयोगी भी मारे गए हैं.

मौलाना मसूद अजहर का नाम भारत की ओर से आतंकवादी घोषित किए गए 57 लोगों की सूची में पहले स्थान पर है. मसूद अजहर को भारत ने यूएपीए कानून की धारा-35 के तहत आतंकवादी घोषित किया है.पाकिस्तान के पंजाब सूबे के बहावलपुर में 10 जुलाई 1968 को पैदा हुए मसूद अजहर ने जैश की स्थापना मार्च 2000 में पाकिस्तान में की थी.  

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मसूद अजहर की भारत में गिरफ्तारी और रिहाई

जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना से पहले वह हरकत उल मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन से जुड़ा था. वह पाकिस्तान स्थित इस सगंठन के महासचिव पद पर था. हरकत उल मुजाहिदीन को अमेरिका ने 1997 में विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था. हरकत उल मुजाहिदीन को हरकत-उल-अंसार, अल हदीदी और अल फरान के नाम से भी जाना जाता है. फजलू रहमान खलीली इसका प्रमुख था. वह उसामा बिन लादेन के करीबी लोगों में शामिल था. हरकत उल मुजाहिदीन का नाम भारत में हुई कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था. इसमें विदेशी पर्यटकों के अगवा कर हत्या करने की कई घटनाएं शामिल हैं. 

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मसूद अजहर 29 जनवरी 1994 को दिल्ली पहुंचा था. वह पुर्तगाली पासपोर्ट पर ढाका से दिल्ली आया था. दरअसल मसूद अजहर पर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तैनात ड्यूटी अफसर को शक हुआ था. उसने खुद को गुजराती मूल का बताया था.अधिकारी ने इसकी सूचना खुफिया अधिकारियों को दी थी. दिल्ली से वह जम्मू कश्मीर गया था. वहां उस पर नजर रखी जा रही थी.वहां वह जहरीले भाषण देकर युवाओं को उग्रवाद की ओर ढकेलता था.वह आंतकवादी संगठनों के मतभेद भी दूर करता था. शक बढ़ने पर सुरक्षा बलो ने मसूद अजहर को उसी साल फरवरी में किसी दिन अनंतनाग में उस समय गिरफ्तार कर लिया था, जब वह अपने एक साथी सज्जाद अफगानी के साथ एक ऑटो में सवार हो रहा था. 

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इंडियन एयरलाइंस का विमान हाईजैक 

मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए हरकत उल मुजाहिदीन ने भारत में विदेशी पर्यटकों को अगवा करने की कई वारदातों को अंजाम दिया था. लेकिन उन्हें मसूद को छुड़ाने में सफलता नहीं मिली.इसके बाद मसूद के साथियों ने नेपाल की राजधानी काठमांडू से नई दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस के कंधार कांड 24 दिसंबर 1999 को हुआ था जब काठमांडू से दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को हाईजैक कर लिया था. ये आतंकवादी इस विमान को भारत और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कंधार तक ले गए थे. विमान में सवार यात्रियों की रिहाई के बदले में भारत सरकार ने 31 दिसंबर 1999 को मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक अहमद नाम के तीन आतंकवादियों को रिहा किया था. 

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जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना

जिस समय मसूद अजहर को रिहा किया गया था, उस समय अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था. उसने मसूद अजहर को रास्ता दिया और वह पाकिस्तान पहुंच गया. वहां उसने मार्च 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की. इसके बाद मसूद अजहर के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया.इनमें 2000 में जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हुआ हमला,2001 में संसद पर हुआ हमला, 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुआ हमला और 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला शामिल है. 

संयुक्त राष्ट्र ने एक मई 2019 को अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था. उस समय चीन ने जैश प्रमुख को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अपनी रोक को हटा लिया था. उस समय भारत ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र से इस बाबत संपर्क किया था. अजहर अप्रैल 2019 के बाद से कभी भी सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आया है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि वह बहावलपुर में किसी सुरक्षित जगह पर छिपा हुआ है. 

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