आज संसद का मॉनसून सत्र समाप्त हो गया और आज से ठीक एक महीने पहले यानी 21 जुलाई को सत्र की शुरुआत बड़े राजनीतिक तूफ़ान से हुई थी. तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और इसका कारण अपना खराब स्वास्थ्य बताया था. हालांकि उसके बाद एनडीटीवी ने विस्तार से बताया था कि इस्तीफे के पीछे के अलग-अलग क्या कारण थे. राजनीतिक गलियारों में पिछले एक महीने से यही प्रश्न पूछा जा रहा है कि धनखड़ कहां हैं?
यही प्रश्न कल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी पूछा. वो भी ऐसे समय पर जब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हैं और एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामांकन पत्र दायर कर दिए हैं.
धनखड़ कहां हैं?
पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद से ही वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे न ही किसी मीडिया प्लेटफार्म पर उनका कोई बयान आया. कई सांसदों ने बताया कि उन्होंने धनखड़ से मिलने का प्रयास किया और उनके निजी सचिव से मिलने का समय मांगा. लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, धनखड़ कहां हैं? यही प्रश्न जब एक मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि धनखड़ उपराष्ट्रपति निवास पर हैं.
टाइप आठ बंगला आवंटित
हालांकि पूर्व मंत्री या सांसदों के आवास के बारे में नियम स्पष्ट हैं. उन्हें पद से हटने के एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करना होता है. या कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे कुछ समय के लिए बढ़ाया जा सकता है. वहीं राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के पद से हटने के बाद केंद्र सरकार का शहरी आवास और विकास मंत्रालय टाइप आठ बंगला आवंटित करता है. धनखड़ का मामला अनूठा है क्योंकि अभी तक किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही इस तरह त्यागपत्र नहीं दिया था.
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अभी तक अपने सरकारी आवास के शहरी विकास मंत्रालय से संपर्क नहीं किया है. लेकिन शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टर ऑफ़ एस्टेट ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर 34 नंबर का टाइप 8 का बंगला खाली करा लिया है. यदि जगदीप धनखड़ को 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर बंगला पसंद नहीं आयेगा तो शहरी विकास मंत्रालय किसी दूसरे बंगले का विकल्प दे सकता है.
पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री को लुटियन जोन में टाइप 8 का बंगला या उनके पैतृक स्थान पर 2 एकड़ की भूमि दी जाती है. हालांकि धनखड़ की ओर से इस बारे में कोई पक्ष सामने न आने से अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.