भारत के सबसे पावन और धार्मिक स्थानों में से एक श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार हमेशा से ही रहस्यों में घिरा रहा है. दरअसल, मंदिर के इस रहस्यमयी कोषागार की मरम्मत का काम चल रहा है लेकिन अब इस काम में देरी हो रही है. इस बारे में बात करते हुए पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के साथ इसकी समीक्षा बैठक की गई थी. इस बारे में एएसआई ने कहा है कि भक्तों की अत्यधिक भीड़ की वजह से मरम्मत के काम में देरी हो रही है.
कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा है कि इस काम के खत्म होने में अब 45 से 60 अतिरिक्त दिनों का समय लगेगा. मंदिर प्रशासन और पुरातत्व विभाग इस पूरे काम को बेहद सावधानीपूर्वक कर रहे हैं. पुरी के कलेक्टर ने कहा कि आने वालों दिनों एक बार फिर से समीक्षा की जाएगी ताकि एएसआई रोजाना 4 से 5 घंटों तक यह काम करवा सके.
बता दें कि कई शताब्दियों से इस खजाने में अमुल्य रत्न, बहुमूल्य आभूषण और सोने-चांदी की चीजों को संभालकर रखा गया है. इतना ही नहीं इन रत्न भंडारों को खोलने के लिए विशेष अनुष्ठान किया जाता है. जगन्नथा मंदिर और इसके रत्न भंडार से जुड़ी बहुत सारी कहानियां सदियों से चली आ रही हैं. कई लोगों का मानना है कि यह अद्भुत खजाने का भंडार है. जब तक इसकी मरम्मत का काम पूरा नहीं होता है तब तक यह रहस्य ही रहेगा कि इसमें क्या-क्या है.