जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्रावास में रैगिंग के बाद एक छात्र की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए गठित की गयी समिति ने कहा है कि विश्वविद्यालय में लड़कों के छात्रावास में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को कथित तौर पर दीवार पर अपना चेहरा रगड़ने और अनिश्चितकाल तक अलमारियों के ऊपर खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया था. इस जांच समिति का गठन कथित तौर पर विश्वविद्यालय परिसर में रैगिंग के कारण 10 अगस्त को स्नातक के एक छात्र की मौत के बाद किया गया था.
जांच समिति ने छात्रावास में कई छात्रों के साथ बातचीत के निष्कर्ष के आधार पर अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘उन्हें अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया, और फिर अलमारी के ऊपर खड़ा होने, दीवार से अपना चेहरा रगड़ने, 'मेंढक की तरह कूदने' और बेड के नीचे रेंगने के लिए बाध्य करने जैसी गतिविधियां की गईं.'' समिति ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि प्रथम वर्ष के छात्रों को अपने सीनियर छात्रों के कपड़े धोने, उनके लिए असाइनमेंट लिखने और देर रात को आस-पास के बाजारों से शराब, सिगरेट और भोजन लाने सहित कई अन्य काम करने के लिए मजबूर किया गया.
प्रथम वर्ष के छात्रों को बगल के पुलिस क्वार्टर में रहने वाली महिलाओं के लिए अपशब्द कहने के लिए भी मजबूर किया गया, और ऐसा करने से इनकार करने पर सजा में शारीरिक पिटाई भी शामिल थी. विश्वविद्यालय में 17 वर्षीय छात्र नौ अगस्त को छात्रावास में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे पूर्व छात्रों द्वारा रैगिंग किए जाने के दौरान छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिर गया था. नादिया जिले के छात्र की अगले दिन अस्पताल में मौत हो गई थी.
छात्रावास का दौरा करने वाले जांच समिति के सदस्यों ने वहां मौजूद अधिकारियों से बातचीत भी की. समिति ने हालांकि अपनी रिपोर्ट में छात्र के छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिरने के सही कारणों की पुष्टि नहीं की है. इस घटना के सिलसिले में वर्तमान और पूर्व छात्रों सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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