जम्मू-कश्मीर में गुलाम नबी आजाद की ताबड़तोड़ रैलियां, कांग्रेस में हलचल

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही अनुच्छेद 370 के फैसले को उलट सकता है या फिर कांग्रेस को 300 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आना होगा.

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जनसभा के दौरान अपने भाषण में आजाद कांग्रेस की आलोचना करते नजर आए
श्रीनगर:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद आने वाले चुनावों को लेकर जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक जनसभाएं कर रहे हैं. वहीं उनके द्वारा की जा रही जनसभाओं की संख्या देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वह पार्टी से असंतुष्ट 'जी -23' समूह का हिस्सा हैं और जल्दी ही अपनी खुद की पार्टी बना सकते हैं. उधर, नबी द्वारा की जा रही इन रैलियों को देखकर कांग्रेस में हलचल मच गई है. दरअसल, जनसभा के दौरान अपने भाषण में आजाद कांग्रेस की आलोचना करते नजर आ रहे हैं. 

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए आजाद ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही अनुच्छेद 370 के फैसले को उलट सकता है या फिर कांग्रेस को 300 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में आना होगा. लेकिन 2024 में होने वाले चुनावों में कांग्रेस 300 सीटों के साथ सत्ता में आती नजर नहीं आ रही है. संसद में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के अपने कड़े विरोध के बाद उन्होंने कहा कि उनकी एकमात्र मांग राज्य की बहाली और विधानसभा चुनाव कराने की है.

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बता दें कि गुलाम नबी आजाद के करीबी और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस पार्टी के लगभग 20 नेताओं ने बीते दो हफ्तों में पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अपने त्याग पत्र में सभी नेताओ ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने के साथ ही कांग्रेस में व्यापक बदलावों की मांग की थी.  

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इस्तीफा देने वाले 20 नेताओं में से एक जम्मू और कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष जीएन मोंगा ने कहा कि पार्टी के भीतर कुछ समस्याएं हैं, आलाकमान से अनुरोध किया है कि उन समस्याओं को दूर किया जाए. जहां तक ​​आजाद साहब का सवाल है, वह हमारे नेता हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख को हटाने की भी मांग की है. 

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गौरतलब है कि आजाद की जनसभाओं में जुटने वाली भारी भीड़ ने पर्यवेक्षकों को भी चौंका दिया. आजाद करीब चार दशकों से राज्यसभा सांसद हैं और आखिरी बार उन्होंने 2014 में जम्मू की उधमपुर सीट से चुनाव लड़ा था, जहां बीजेपी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

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सूत्रों का कहना है कि अगर आजाद अपनी पार्टी बनाते हैं तो जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर कांग्रेस नेता उनके साथ जा सकते हैं. उनके एक करीबी सूत्र ने कहा कि अन्य पार्टियों के कई नेता हैं, जिन्होंने आजाद से संपर्क किया है कि अगर वह अपनी पार्टी बनाते हैं तो वे इसमें शामिल हो जाएंगे. 

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वहीं कांग्रेस का कहना है कि वे आजाद का सम्मान करते हैं, लेकिन उनके इस्तीफे से नाखुश हैं. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि पूरी पार्टी उनका सम्मान करती है. हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन हम अनुशासन का भी पालन करते हैं. लेकिन कुछ लोग हैं जो उनके (आजाद) के करीबी माने जाते हैं, उनके बयान स्पष्ट रूप से अनुशासन का उल्लंघन करते हैं.

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