J&K और हरियाणा का समझिए सियासी गुणा-गणित, जानिए कौन किस पर भारी

कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीट हासिल हुई थीं.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन चरणों में जबकि हरियाणा में एक ही चरण में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होंगे. वहीं दोनों विधानसभाओं के लिए मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की. चुनाव के ऐलान के बाद अब सीटों और वोटों का गुणा-गणित भी शुरू हो गया है. आइए आपको पिछले विधानसभा और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के वोट शेयर के मुताबिक बताते हैं कि कौन और कहां कितना आगे और पीछे दिख रहा है.

सबसे पहले बात जम्मू-कश्मीर की, 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. यहां पिछली बार 2014 के नवंबर-दिसंबर में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब ये एक राज्य था और लद्दाख इसका हिस्सा था.

दस साल पहले 2014 में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसे 22.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 28 सीटें मिली थी. नंबर दो की पार्टी बीजेपी को 23 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन सीटों की संख्या 25 ही थी. इसके बाद एनसी को 20 फीसदी वोट शेयर के साथ 15 और कांग्रेस को 18 प्रतिशत वोट के साथ 12 सीटें मिली थी.

वहीं अगर हाल के लोकसभा चुनाव की बात करें तो वोट शेयर के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22 फीसदी वोट शेयर के साथ 34 विधानसभा क्षेत्र, बीजेपी को 24 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 29 विधानसभा क्षेत्र,  जबकि कांग्रेस को 7 और पीडीपी को 5 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिलती दिख रही है.

केंद्र सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था.

वहीं हरियाणा की बात करें तो यहां विधानसभा की 90 सीटें हैं. यहां वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिसका कार्यकाल तीन नवंबर को पूरा हो रहा है.

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हरियाणा में 2014 के मुकाबले 2019 में बीजेपी कमजोर हुई. वहीं कांग्रेस की सीटें दोगुनी हुई. साथ ही एक नई पार्टी जेजेपी का दहाई के आकड़े के साथ उदय हुआ.

2014 में बीजेपी को जहां 47 सीटें मिली थी, वहीं 2019 में वो 40 सीट ही हासिल कर पायी. वहीं 2014 में कांग्रेस ने जहां 15 सीटें जीती थी, वहीं 2019 में ये आकड़ा बढ़कर 31 हो गया था. 

पिछले लोकसभा चुनाव के वोट शेयर के मुताबिक बढ़त की बात करें तो बीजेपी को 44, कांग्रेस को 42 और आप को 4 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है.

हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी. हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद ये गठबंधन टूट गया था. बाद में भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली.

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