जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार को कहा कि कश्मीर में महिलाओं को गिरफ्तार करना प्रशासन के लिए एक नया निम्न स्तर है, जो केवल दिल्ली में अपने आकाओं को खुश करने के लिए नागरिकों को प्रताड़ित करता है. मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर में महिलाओं की गिरफ्तारी प्रशासन के और नीचे गिरने का प्रतीक है जो बस दिल्ली में अपने आकाओं को खुश करने' क लिए नागरिकों का उत्पीड़न करता है. स्थिति बदतर होती जा रही है और भारत सरकार लोगों से संपर्क कायम करने के बजाय उन्हें धकिया रही है.''
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वह राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के आरोप में मां-बेटी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दे रही थीं. श्रीनगर में इन मां-बेटी के पड़ोस में सोमवार को मुठभेड़ हुई थी जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गये थे.
अधिकारियों ने कहा, "मुश्ताक सोफी की पत्नी अफरोजा और उसकी बेटी आयशा को कथित रूप से नारे लगाने को लेकर गिरफ्तार किया गया है.'' दोनों पर भादंसं (IPC) की धाराएं 147, 148, 149 और 326 लगायी गयी हैं और उन्हें रामबाग के महिला थाने में रखा गया है. जम्मू कश्मीर के ग्रीष्मकालीन राजधानी के रंग्रेथ इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश के दो आतंकवादी मारे गये थे. कुछ स्थानीय बाशिंदों ,खासकर महिलाओं ने मुठभेड़ के बाद इस दावे के बीच नारे लगाये थे कि यह मुठभेड़ ‘प्रायोजित' थी.
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सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा इस मुठभेड़ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किये जाने के बाद पुलिस ने सोमवार को ट्विटर पर परामर्श जारी किया एवं सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को आतंकवाद को ‘प्रश्रय एवं बढ़ावा ' देने के विरूद्ध चेतावनी दी.
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