मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक बजट दिया है. इसके मोटे तौर पर 3 कारण हैं. पहला- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये लगातार सातवां बजट है. इसके पहले मोरारजी भाई लगातार छह बजट पेश कर चुके हैं. ऐसे में सीतारमण ने एक रिकॉर्ड बनाया. दूसरा- ये मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट है. तीसरा- गठबंधन सरकार में सहयोगी दलों का ख्याल रखा गया है, जो गठबंधन की परंपरा मानी जाती रही है.
देखा जाए तो बजट में बैलेंस का खास ख्याल रखा गया है. आज की गरीबी और आज की समस्या का समाधान चाहिए. साथ ही साथ बजट में लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट की भी बात कही गई है. निर्मला सीतारमण ने बहुत बढ़िया तरीके से इनका मेलजोल किया है.
बजट में रूरल डिस्ट्रेस की बात की गई है. इसका मुख्य कारण ये है कि हमारे 50 फीसदी से भी ज्यादा लोग कृषि निर्भर हैं. मगर कृषि से हमारा जो उत्पादन आता है. ये जीडीपी का 16-17 फीसदी होगा. अगर आधे लोगों को एक-छठाई यानी 1/6 हिस्सा मिल रहा है, तो उदासीनता तो होनी ही है. इसमें कुछ किया नहीं जा सकता.
बजट में कृषि की समस्या को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. हिंदुस्तान बदल रहा है. यहां के लोगों की इनकम बदल रही है. खाने-पीने की आदतें बदल रही हैं. अब हम लोग खाने के लिए उतना चावल और गेहूं नहीं मांगते हैं. हम अब दूध, सब्जी, फल मांगते हैं. प्रोटीन युक्त खाना मांगते हैं. बजट में सरकार ने Diversification यानी विविधता का एक बड़ा कदम उठाया है.
ऑयल सीड्स में ऐसा किया गया है. एडिबल ऑयल (खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल) काफी महंगा है. इसका स्पेशल प्रोजेक्ट किया गया है. ऐसे ही कुछ दूसरे सीड्स का स्पेशल प्रोजक्ट किया गया है.
(अशोक लाहिड़ी पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं. वर्तमान में वह बंगाल के बालुरघाट से BJP विधायक हैं.)