आईटीबीपी ने रचा इतिहास, माउंट नुन पर महिला पर्वतारोहियों ने फहराया तिरंगा

यह अभियान 3 जुलाई 2025 को दिल्‍ली स्थित आईटीबीपी मुख्यालय से आईटीबीपी महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. टीम ने लद्दाख के लेह में करीब एक महीने तक गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया.

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  • भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने पर्वतारोहण इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कराई है.
  • पहली बार सर्व-महिला बल-स्तरीय पर्वतारोहण अभियान द्वारा माउंट नुन (7,135 मी.), पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की गई.
  • अभियान को 3 जुलाई 2025 को दिल्‍ली स्थित आईटीबीपी मुख्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था.
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नई दिल्‍ली :

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने पर्वतारोहण इतिहास में अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज करा दी है. पहली बार सर्व-महिला बल-स्तरीय पर्वतारोहण अभियान द्वारा माउंट नुन (7,135 मी.), नुन-कुन पर्वत शृंखला, कारगिल पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. यह गौरवशाली उपलब्धि उच्च हिमालयी अभियानों में आईटीबीपी की उत्कृष्ट परंपरा में एक मील का पत्थर है. 

अभियान को 3 जुलाई 2025 को दिल्‍ली स्थित आईटीबीपी मुख्यालय से आईटीबीपी महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. टीम ने लद्दाख के लेह में करीब एक महीने तक गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें मौसम के अनुकूल होने के साथ ही तकनीकी तैयारी शामिल रही. 

इस तरह हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि

13 अगस्त 2025 को सुबह 09:25 बजे प्रथम रोप टीम (7 पर्वतारोही और 3 तकनीकी सदस्यों) ने प्रस्थान कर माउंट नुन के शिखर पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी की. 14 अगस्त 2025 को सुबह 08:50 बजे द्वितीय रोप टीम (7 पर्वतारोही और 2 तकनीकी सदस्यों) ने शिखर पर पहुंचकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. 

दुर्गम चढ़ाई के लिए जाना जाता है माउंट नुन

जम्मू-कश्मीर राज्य का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट नुन है. यहां दुर्गम चढ़ाई है, जो मिश्रित हिम–शिला भूभाग, चाकू की धार जैसी धारियों, दरारों से भरे ग्लेशियर, खड़ी बर्फीली दीवारों और अप्रत्याशित मौसम के लिए जाना जाता है. यह 8,000 मीटर ऊंचाई वाले अभियानों के लिए एक मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण पर्वत है, जिसमें असाधारण धैर्य, तकनीकी कौशल और रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है. 

8000 से ऊंचे 14 पर्वतों में से 6 पर चढ़ाई

इस ऐतिहासिक सर्व-महिला अभियान की सफलता के साथ आईटीबीपी ने अपना पर्वतारोहण गौरव और सुदृढ़ कर लिया है.  बल ने अब तक विश्व के चौदह 8,000 मीटर ऊंचे पर्वतों में से छह पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है, जिनमें माउंट एवरेस्ट और माउंट कंचनजंघा शामिल हैं, और पांच बार माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई का गौरव प्राप्त किया है. माउंट नुन पर यह साहसिक बल की उत्कृष्टता, सशक्तीकरण, नेतृत्व और उच्च हिमालयी अभियानों में दक्षता का प्रतीक है. 
 

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