भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे भारी रॉकेट ‘एलवीएम3-एम2' ने रविवार अपने पहले वाणिज्यिक मिशन के तहत ब्रिटेन की कंपनी के 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर दिया। इसरो ने इसे ऐतिहासिक मिशन करार दिया है. ब्रिटेन की कंपनी वनवेब लिमिटेड ने इस मिशन के लिए इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ करार किया था. वनवेब लिमिटेड अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाला वैश्विक संचार नेटवर्क है, जो सरकारों और उद्योगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है.
वनवेब में भारती एंटरप्राइजेज एक प्रमुख निवेशक है. नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड ने कहा कि इसरो और इसकी वाणिज्यिक शाखा एनएसआईएल के साथ उसकी साझेदारी ने 2023 तक भारत में दूर-दूर तक कनेक्टिविटी प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों को इस सफलता पर बधाई दी.राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया कि इसरो, एनएसआईएल और इनस्पेस की टीम ने वैश्विक संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य से एलवीएम3 के जरिये 36 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने की एक प्रभावशाली उपलब्धि हासिल की.
देश को हमारे वैज्ञानिकों और उनके द्वारा राष्ट्र की स्वदेशी क्षमताओं के प्रदर्शन पर गर्व है. बधाई! . पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि 36 वनवेब उपग्रहों के साथ हमारे सबसे भारी प्रक्षेपण यान एलवीएम3 के सफल प्रक्षेपण पर एनएसआईएल, आईएन-स्पेस और इसरो को बधाई. एलवीएम3 आत्मनिर्भरता का उदाहरण है और वैश्विक वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवा बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को मजबूत बनाता है.