'क्या भारत सिर्फ मेरी मां है या...' : 'भारत माता की जय' नहीं बोलने पर दर्शकों पर बरसीं मीनाक्षी लेखी 

मीनाक्षी लेखी ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया और दर्शकों से इसे दोहराने के लिए कहा. चूंकि दर्शकों की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी, उन्होंने पूछा कि क्या भारत उनका घर नहीं है. 

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लेखी ने कहा कि भारत के बारे में बोलना शर्मनाक लगता है तो सम्मेलन में हिस्सा लेने की जरूरत नहीं. (फाइल) 
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  • मीनाक्षी लेखी ने 'भारत माता की जय' ना बोलने पर दर्शकों को आड़े हाथ लिया
  • अप्रसन्न दिख रही लेखी ने उनसे पूछा कि क्या भारत उनकी मां नहीं हैं?
  • युवा सम्मेलन का आयोजन कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया गया था
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कोझिकोड (केरल):

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने शनिवार को यहां एक युवा सम्मेलन में दर्शकों के एक वर्ग पर इस बात के लिए नाराजगी जताई कि बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया. स्पष्ट रूप से अप्रसन्न दिख रही लेखी ने उनसे पूछा कि क्या भारत उनकी मां नहीं हैं? यहां तक कि एक महिला को, जो नारा लगाने को राजी नही थी, उसे केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम स्थल छोड़ने का सुझाव भी दिया. इस सम्मेलन का आयोजन कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया गया था. 

अपने भाषण का समापन करते हुए, वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेत्री ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया और दर्शकों से इसे दोहराने के लिए कहा. चूंकि दर्शकों की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी, उन्होंने पूछा कि क्या भारत उनका घर नहीं है. 

केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा, 'क्या भारत सिर्फ मेरी मां है या आपकी भी मां है? मुझे बताओ...मुझे बताओ...क्या इसमें कोई संदेह है? कोई संदेह नहीं?...उत्साह व्यक्त करने की जरूरत है.'

मीनाखी लेखी ने पूछा - भारत आपकी माता नहीं हैं?

उन्होंने नारा दोहराया और कहा कि बाईं ओर के दर्शकों की प्रतिक्रिया अभी भी अच्छी नहीं है. दर्शकों में से एक महिला की ओर इशारा करते हुए लेखी ने कहा, 'पीली पोशाक वाली महिला खड़ी हो सकती हैं. बगल की तरफ मत देखिए. मैं आपसे इसी तरह बात करने जा रही हूं. मैं आपसे एक सवाल पूछने जा रही हूं. सीधा सवाल. भारत आपकी माता नहीं हैं?... यह रवैया क्यों?” लेखी ने फिर भारत माता की जय के नारे लगाए, लेकिन महिला अभी भी ऐसे ही खड़ी थी.

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिसे देश पर गर्व नहीं है और जिसे भारत के बारे में बोलना शर्मनाक लगता है, उसे युवा सम्मेलन का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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