संसद भवन और उसके आसपास की इमारतों के कायाकल्प से जुड़े सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) पर खर्च को लेकर तूफान मचा हुआ है. अदालत ने भले ही इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी हो, लेकिन अभी भी यह मुद्दा शांत नहीं पड़ा है. इसमें महामारी के बीच 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का दावा भी किया जा रहा है.जबकि इस रकम से 62 करोड़ वैक्सीन खरीदी जा सकती हैं. लेकिन इसे गलत ठहराते हुए केंद्र सरकार ने तमाम भ्रामक जानकारियों और उनकी वास्तविकता ("Myths and Realities" ) को लेकर एक फैक्ट चेक शीट जारी की है.
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दरअसल, विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस की ओर से यह कहा जा रहा है कि इस रकम को देश के हेल्थकेयर सिस्टम (Healthcare System) पर खर्च किया जाता तो बेहतर रहता. इस प्रोजेक्ट में दिल्ली के तमाम हरे-भरे इलाके के नष्ट होने और ऐतिहासिक इमारतों या विरासतों को ध्वस्त किए जाने की बात भी की जा रही है, जिस पर केंद्र की सफाई सामने आई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा को हरी झंडी दे दी है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इसे चुनौती दी गई है और निर्माण कार्य निलंबित करने की मांग रखी गई है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण स्थल पर फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग पर लगाया गया बैन
हालांकि केंद्र ने इसे महत्वपूर्ण और राष्ट्रीय महत्व की आवश्यक परियोजना करार दिया है. मुख्यतया सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन, संसदीय अधिकारियों के आवासीय क्षेत्र, प्रधानमंत्री (Prime Minister Offices )और उप राष्ट्रपति के भवन आते हैं. इसमें कार्यालयों के लिए नई इमारतें और तमाम मंत्रालयों को कार्यालयों के लिए नया सचिवालय (Central Secretariat ) शामिल हैं.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मिथक और वास्तविकता के बारे में यहां पढ़ें :
Myths and Realities about t... by NDTV