IOC को पहली तिमाही में 1992 करोड़ का घाटा, पेट्रोल पर प्रति लीटर 10 और डीजल पर 14 रुपये का नुकसान

इस समय भारत का कच्चे तेल का आयात औसतन 109 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में पेट्रोल पंप पर वाहन ईंधन कीमतें 85 से 86 डॉलर प्रति बैरल के भाव के हिसाब से तय की गई हैं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में पेट्रोल 10 रुपये प्रति लीटर के नुकसान पर बेचा है. इसके अलावा डीजल की बिक्री पर कंपनी को प्रति लीटर 14 रुपये का नुकसान हुआ है. यही वजह है कि कंपनी को सवा दो साल में पहली बार किसी तिमाही में नुकसान उठाना पड़ा है.


देश की सबसे बड़ी तेल शोधन और ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी को चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 1,992.53 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 5,941.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. वहीं इससे पिछली यानी जनवरी-मार्च की तिमाही में कंपनी को 6,021.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

आईओसी की सालाना आधार पर कर, ब्याज, मूल्यह्रास और परिशोधन से पूर्व एकल आय (ईबीआईटीडीए) 88 प्रतिशत घटकर 1,358.9 करोड़ रुपये रह गई. वहीं कंपनी को 1,992.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. हालांकि तिमाही के दौरान कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) ऊंचे स्तर पर यानी 31.8 डॉलर प्रति बैरल रहा है.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की आय में गिरावट की प्रमुख वजह पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री पर मार्जिन में भारी गिरावट है. कंपनी को पेट्रोल पर प्रति लीटर 10 रुपये और डीजल पर 14 रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा उत्पाद शुल्क में कटौती की वजह से कंपनी को भंडारण पर भी 1,500 से 1,600 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम कंपनियां लागत के हिसाब से प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल कीमतों में संशोधन करती हैं. लेकिन आईओसी के साथ भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने लागत बढ़ने के बावजूद वाहन ईंधन के दाम नहीं बढ़ाए हैं.

इस समय भारत का कच्चे तेल का आयात औसतन 109 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में पेट्रोल पंप पर वाहन ईंधन कीमतें 85 से 86 डॉलर प्रति बैरल के भाव के हिसाब से तय की गई हैं.

Advertisement

रिपोर्ट कहती है कि यह जनवरी-मार्च, 2020 की तिमाही के बाद से कंपनी का पहली तिमाही नुकसान है. उस समय कंपनी को महंगे कच्चे तेल के प्रसंस्करण की वजह से भंडारण पर नुकसान हुआ था.

Featured Video Of The Day
Jharkhand Election Results: झारखंड में JMM को 35 सीट, Hemant Soren ने जीत को बताया ऐतिहासिक