कुतुब मीनार के आसपास की जमीन पर मालिकाना हक की मांग वाली हस्तक्षेप याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने कुतुब मीनार (Qutab Minar) के आसपास की जमीन पर मालिकाना हक (Ownership) के दावे संबंधी हस्तक्षेप याचिका मंगलवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
कुंवर महेंद्र सिंह ने कुतुब मीनार और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का स्वामित्व उन्हें दिये जाने का अनुरोध किया था. 
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने कुतुब मीनार (Qutab Minar) के आसपास की जमीन पर मालिकाना हक (Ownership) के दावे संबंधी हस्तक्षेप याचिका मंगलवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. अपर जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार ने संबंधित मामले की सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता कुंवर महेंद्र ध्वज प्रताप सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि वह आगरा के संयुक्त प्रांत के उत्तराधिकारी थे और कुतुब मीनार की संपत्ति उनके पास थी. उन्होंने कुतुब मीनार और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का स्वामित्व उन्हें दिये जाने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने 1947 के बाद उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया और उनके पास प्रिवी काउंसिल के कागजात थे.

हिंदू पक्ष के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसे गंभीर दंड के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक प्रचार नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि हस्तक्षेपकर्ता 102 वर्षों के बाद संपत्ति के अधिकारों का दावा कर रहा है और किसी भी प्रकार के अदालती समाधान को प्राप्त करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने भी आवेदक के दावे का विरोध करते हुए कहा है कि यदि उसका दिल्ली और उसके आसपास के शहरों पर कानूनी दावा है, तो उसे भारत की आजादी के बाद से अदालत के समक्ष नहीं उठाया गया है.



 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
NDTV Xplainer | JEE Main 2025: एक बार फिर सवालों के घेरे में NTA | Parliamentary Committee Reports