भारत 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू करेगा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार शाम को कहा कि मामले की समीक्षा की गई है और सक्षम प्राधिकारी" ने ऐसी उड़ानों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. मंत्रालय ने कहा, "भारत के लिए और भारत से शिड्यूल्ड कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने की जांच गृह मंत्रालय, विदेश और स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श से की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 15 दिसंबर से फिर से शुरू किया जाएगा. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, 15 दिसंबर से विदेश के लिए कमर्शियल फ्लाइट सेवा शुरू होगी. हालांकि जोखिम वाली श्रेणी वाले देशों के साथ सीमित सेवाएं रहेंगी.
जो देश जोखिम वाली कैटेगरी में हैं और उनसे एयर बबल समझौता है वहां के लिए सीमित सेवाएं रहेंगी. ऐसे देशों में कोरोना से पहले उड़ान भरने वाली हवाई सेवा का 75% परिचालन होगा या हर हफ्ते 7 उड़ान से कम बहाल हो सकेंगी. जोखिम श्रेणी वाले 14 देश हैं. इनमें ब्रिटेन समेत यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग औऱ इजरायल शामिल हैं.
दरअसल, कोरोना के चलते सरकार ने प्रत्यावर्तन सेवाओं और आवश्यक सामानों को ले जाने वाली उड़ानों को छोड़कर पिछले साल मार्च में सभी शिड्यूल्ड इंटरनेशनल फ्लाइट्स को निलंबित कर दिया था. वहीं अब कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई है. ‘द्विपक्षीय ‘एयर बबल‘ एग्रीमेंट के तहत कई देशों में फिर से फ्लाइट शुरू की जाएंगी. भारत में फिलहाल ऐसे 25 एग्रीमेंट हैं. इन एग्रीमेंटों के तहत, कुछ शर्तों के साथ इंटरनेशनल फ्लाइट्स लोगों को संबंधित देशों में ट्रैवल करा सकती हैं.
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बता दें कि सरकार ने फ्लाइट शुरू करने का यह फैसला साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट B.1.1.529 के बीच लिया है, जिसने एक बार फिर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है. बी.1.1.1.529 वैरिएंट में कुल मिलाकर 50 तरह के म्यूटेशंस हैं. इनमें से 30 तरह के म्यूटेशंस सिर्फ स्पाइक प्रोटीन के हैं. स्पाइक प्रोटीन ही अधिकांश COVID-19 वैक्सीन के लक्ष्य हैं और यही हमारे शरीर में वायरस की पहुंच को रोकता है. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने रेड अलर्ट भी जारी किया है.
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नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और इज़राइल समेत कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका सहित छह अफ्रीकी देशों के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कोई भी देश भारत सरकार की 'नो फ्लाई' सूची में शामिल है या नहीं. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस नए वेरिएंट के लेकर फिलहाल संयम बरतने की सलाह दी है, क्योंकि इसे म्यूटेशन को समझने में फिलहाल वैज्ञानयों की टीमें लगी हैं.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सरकार अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन को सामान्य करने की प्रक्रिया का मूल्यांकन कर रही है. सरकार चीजों को फिर से सामान्य करने में जुटी है, इसके लिए संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया में नागर विमानन क्षेत्र का अपना मुकाम फिर हासिल करने और भारत में हब बनाने का प्रयास कर रहे हैं. आप भरोसा रखें, मैं आपके साथ हूं. हम मिलकर काम करेंगे, लेकिन सुरक्षित वातावरण में.''
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