- लोकसभा में पेश किए गए बिलों के नाम हिंदी में हैं और इनमें राजनीतिक संदेश तथा रचनात्मकता स्पष्ट नजर आती है
- बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर स्वामित्व देने का प्रावधान सबका बीमा, सबकी रक्षा बिल में शामिल
- विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन के तहत रोजगार की गारंटी 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव
लोकसभा में पेश होने जा रहे बिलों के नाम इस बार खासे दिलचस्प हैं. सबसे पहले है “सबका बीमा, सबकी रक्षा (Amendments of Insurance Laws) Bill 2025”, जिसके तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रावधान है. वहीं सरकार मनरेगा के स्थान पर नया कानून ला रही है, जिसका नाम भी उतना ही अनोखा है. “VB G Ram G”, यानी विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025.
इसके तहत रोजगार की गारंटी 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रस्ताव है. इससे पहले सरकार Health Security से National Security Cess विधेयक 2025 भी पारित करवा चुकी है, जिसमें पान मसाला, गुटखा और तंबाकू उत्पादों के निर्माण पर सेस लगाने की व्यवस्था है. इसी तरह सरकार ने एटमी ऊर्जा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश के लिए भी बिल पेश किया है, जिसका नाम रखा गया है “शांति” The Sustainable Harnessing and Advancement of Nuclear Energy for Transforming India (SHANTI) Bill 2025.
मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा में सुधार के लिए लाए गए बिल का नाम भी हिंदी में रखा है “विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल 2025”. हालांकि विपक्ष के कुछ सांसदों ने इन नामों पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि हिंदी में रखे गए इन नामों को समझने में परेशानी होती है. वहीं, महात्मा गांधी के नाम पर रखे गए मनरेगा को खत्म करने के फैसले की भी आलोचना हो रही है. सरकार की दलील है कि इन नामों में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की स्पष्ट छाप दिखाई देती है. रचनात्मक सोच से भरपूर और राजनीतिक संदेश देने वाले ये अक्रोनिम वाले बिल इस समय चर्चा का बड़ा विषय बने हुए हैं. इनमें ब्रांडिंग, राजनीतिक संदेश और रचनात्मकता साफ झलकती है.














