- ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान फिर से कश्मीर घाटी को आतंक की आग में झोकने की साजिश रच रहा है
- डॉजियर के मुताबिक, सितंबर से एलओसी पर घुसपैठ और ड्रोन के जरिए रेकी की घटनाओं में तेजी आई है
- पीओके में बॉर्डर एक्शन टीमों को फिर से तैनात करने, स्लीपर सेल्स को एक्टिव करने की भी खबरें हैं
जम्मू-कश्मीर में शांति की तरफ लौटते हालात के बीच एक नई खुफिया रिपोर्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. एनडीटीवी को मिले इनपुट्स के मुताबिक, छह महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त होने के बाद पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका एक बार फिर से घाटी को सुलगाने की तैयारी कर रहे हैं. पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद नए हमलों की फिराक में हैं.
LOC की ड्रोन से रेकी, फिदायीन हमले का खतरा
खुफिया विभाग के डॉजियर के मुताबिक, सितंबर 2025 से एलओसी के पार से घुसपैठ, रेकी और लॉजिस्टिक सपोर्ट में तेजी देखी गई है. पाकिस्तान के स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) और आईएसआई की मदद से लश्कर और जैश के कई आतंकी दस्ते जम्मू कश्मीर में दाखिल हो चुके हैं. सूत्रों का दावा है कि कमांडर शमशेर की अगुवाई वाली लश्कर की एक यूनिट ने एलओसी पर गैप्स की ड्रोन के जरिए रेकी की है. इससे लगता है कि आने वाले हफ्तों में सीमापार से फिदायीन हमले या हथियार गिराने जैसे कोशिशें हो सकती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने के नाम पर सक्रिय
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में जमात-ए-इस्लामी, हिज़्बुल मुजाहिदीन और आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों की पीओके में उच्चस्तरीय बैठकें हुई हैं. इनमें घाटी में निष्क्रिय आतंकी स्लीपर सेल्स को फिर से एक्टिव करने, पूर्व कमांडरों को हर महीने भत्ता देने और ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान का बदला लेने की प्लानिंग की गई.
हमदर्दों का नेटवर्क फिर खड़ा करने की कवायद
लश्कर ने कश्मीर घाटी में स्थानीय हमदर्दों की पहचान करके नेटवर्क खड़ा करने की कवायद शुरू कर दी है. इस नेटवर्क को भारत ने कड़ी कार्रवाई के बाद काफी हद तक निष्क्रिय कर दिया था. इसके अलावा नशे और हथियारों की तस्करी के जरिए फंडिंग के रास्ते भी फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं. पंजाब और राजस्थान में इस साल इसमें बढ़ोतरी देखी गई है.
कंगाली, अलगाव से ध्यान भटकाने की चाल
जम्मू-कश्मीर में जहां एक तरफ स्थानीय चुनाव और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी को सामान्य स्थिति बहाली का अहम कदम माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ आईएसआई की अगुआई में इस शांति को पटरी से उतारने की आतंकी साजिशें शुरू हो गई हैं. पाकिस्तान की कट्टरपंथी लॉबी अपने देश की आर्थिक बदहाली और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसके अलग-थलग पड़ने के बाद अब फिर से प्रॉक्सी वॉर को हवा देने की कोशिश कर रही है.
त्रिशूल युद्धाभ्यास के बीच आया आतंकी अलर्ट
यह खुफिया चेतावनी ऐसे समय आई है जब भारत गुजरात और राजस्थान की पश्चिमी सीमाओं पर तीनों सेनाओं का अब तक का सबसे बड़ा त्रिशूल युद्धाभ्यास कर रहा है. जानकारों का मानना है कि सर्दियों में आमतौर पर घुसपैठ कम हो जाती है लेकिन इस बार पाकिस्तान की आक्रामक रणनीति घाटी में आतंक की नई शुरुआत की वजह बन सकती है.













