40+ लोगों को लगाएं बूस्टर डोज : ओमिक्रॉन के खतरे के बीच सरकार के विशेषज्ञ पैनल की सिफारिश

कोरोना का नया वेरिएंट इस समय दुनिया के लिए चिंता का कारण बन रहा है.  भारत में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो केस रिपोर्ट हुए हैं. 

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नई दिल्‍ली:

नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच  कोरोनावायरस में जीनोमिक विविधताओं (genomic variations in coronavirus) की निगरानी रखने वाले 28 लैब्‍स के कंसोर्टियम ने केंद्र सरकार से 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्‍टर डोज पर विचार की सिफारिश की है. गौरतलब है कि कोरोना का नया वेरिएंट इस समय दुनिया के लिए चिंता का कारण बन रहा है.  भारत में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो केस रिपोर्ट हुए हैं. INSACOG ने  साप्‍ताहिक बुलेटिन में कहा है, 'सभी अनवैक्‍सीनेटेड लोगों को वैक्‍सीन और 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्‍टर डोज लगाने पर विचार किया जा सकता है. सबसे पहले अधिक जोखिम और हाई एक्‍सपोजर वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. '

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INSACOG ने कहा है कि आवश्‍यक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य उपायों को सक्षम करने के लिए इस तरह के वेरिएंट  (Omicron)) की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरारी महत्‍वपूर्ण होगी. कंसोर्टियम ने अपनी बुलेटिन में जाने पहचाने क्षेत्रों की और वहां से यात्राओं की निगरानी की सलाह दी है.  साथ ही कहा कि कोरोनावायरस के मामले की कांट्रेक्‍ट ट्रेसिंग होनी चाहिए ताकि प्रभावित इलाकों में इसके संक्रमण का पता लगाया जा सके.गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही 40+ आयु वर्ग के लिए बूस्‍टर डोज की मंजूरी दे चुके हैं. अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फोसी ने इस बात पर जोर दिया है कि पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड व्‍यस्‍कों को सर्वश्रेष्‍ठ संभव संरक्षण देने के लिए  वूस्‍टर डोज दिया जाना चाहिए. 

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गौरतलब है कि भारत में अब तक ओमिक्रॉन के दो केस कर्नाटक में मिले हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को कर्नाटक में दो ओमिक्रॉन मामलों की पुष्टि करते हुए बताया था कि कॉन्टैक्ट को आइडेंटिफाई कर लिया गया है. इन दोनों में मामूली लक्षण है.दुनिया में इस वेरिएंट के अब तक जितने मामले आए हैं, उसमें सीरियस लक्षण नहीं हैं. कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने कहा है कि जिन टूल्स का इस्तेमाल हमने कोरोना महामारी में इस्तेमाल किया है, वही हमें करना होगा.हॉस्पिटल इंफ्रा को भी चिन्हित किया गया है. ये नई चुनौती है. हम मामले को पकड़ पाए यानी सिस्टम काम कर रहा है. मास्क यूनिवर्सल वैक्सीन की तरह है, इसे लेकर लापरवाही न बरतें. यह तमाम वेरिएंट को रोकता है. वैक्‍सीन के दोनों डोज में देर न करें. इसके साथ ही हवादार माहौल में रहें. उन्‍होंने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जिम्‍मेदारी दिखाते हुए सजग रहना होगा. इस नई चुनौती का भी सामना करेंगे.

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