काठमांडू: नेपाल में अन्नपूर्णा पर्वत शिखर की गहरी दरार से चमत्कारिक ढंग से बचाए गए भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू की स्थिति में सुधार के बाद उन्हें बेहतर उपचार के लिए बृहस्पतिवार को हवाई मार्ग से नयी दिल्ली ले जाया गया. पर्वतारोहण अभियान का आयोजन करने वाली संस्था सेवन समिट ट्रेक के कर्मचारी थानेश्वर गुरगैन ने कहा कि उन्हें एक एयर एंबुलेंस से नयी दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया.
गुरगैन ने कहा कि अनुराग ने अपनी आंखें खोलीं और थोड़ी बात भी की. राजस्थान के किशनगढ़ के रहने वाले 34 वर्षीय अनुराग अप्रैल के मध्य में कैंप-3 से उतरते समय लगभग 6,000 मीटर से गिर जाने के बाद लापता हो गए थे. माउंट अन्नपूर्णा दुनिया का 10वां सबसे ऊंचा पर्वत है. बचावकर्मियों के एक दल को तीन दिनों की लगातार खोज के बाद 20 अप्रैल को वह लगभग 5800 मीटर की ऊंचाई पर एक गहरी दरार में जीवित मिले. उन्हें पोखरा के मणिपाल अस्पताल ले जाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए काठमांडू ले जाया गया.
अनुराग का काठमांडू के पास ललितपुर के मेडिसिटी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां पिछले हफ्ते उनकी सफल ‘ट्रेकियोस्टोमी' सर्जरी हुई थी. दैनिक ‘कांतिपुर' ने अस्पताल में डॉक्टरों के हवाले से बताया कि मेडिसिटी अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले उन्हें होश आ गया था, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने के लिए उन्हें 3-4 महीने के लिए और उपचार की आवश्यकता है. अनुराग जागरूकता पैदा करने और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए सभी सात महाद्वीपों में 8,000 मीटर से ऊपर की सभी 14 चोटियों और सात उच्चतम बिंदुओं पर चढ़ाई के मिशन पर थे.
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