देश में लोकसभा चुनाव के छह चरण समाप्त हो चुके हैं, वहीं अब बस सातवें चरण का चुनाव बाकी रह गया है. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के साथ ही ये तय हो जाएगा कि देश में कौन सी पार्टी की सरकार बनेगी. नई सरकार का उद्देशय विकास कार्यों को आगे बढ़ाना होगा. अगले महीने केंद्र में गठित होने वाली नई सरकार की प्राथमिकता इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर में बुनियादी सुधार पर रह सकता है.
इकोनामिक ग्रोथ की प्रमुख वजह
इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट और इन्फ्राविज़न फाउंडेशन के संस्थापक विनायक चटर्जी ने नई सरकार के सामने अहम आर्थिक प्राथमिकताओं और पेश होने वाले नए बजट में बुनियादी ढांचे पर अपेक्षित फोकस पर एनडीटीवी से खास बातचीत की. विनायक चटर्जी ने एनडीटीवी से कहा कि यह सरकार 2014 से कह रही है कि जो इकोनामिक ग्रोथ हो रहा है वह पब्लिक एक्सपेंडिचर, इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपेंडिचर की वजह से हो रहा है. हर बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर आउटले 30% तक बढ़ाया गया है. जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है.
किस सेक्टर में होगा सरकार का फोकस
विनायक चटर्जी के मुताबिक नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में पेश होने वाले बजट में पब्लिक से जुड़े कार्य और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद है. पिछले दस साल में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में हाईवे प्रोजेक्ट्स और सड़कों के निर्माण पर ज़्यादा फोकस रहा है. विनायक कहते हैं कि नई सरकार को देश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और आधुनिकरण के लिए विशेष पहल करना होगा. सड़क बनाना अब एक निश्चित स्तर पर पहुंच गया. बड़े स्तर पर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट और एक्सप्रेसवे बने हैं. अब समय आ गया है हिंदुस्तान के रेलवे सिस्टम को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए. नई सरकार का फोकस रोड से रेलवे पर होगा.
शहरों के एडमिनिस्ट्रेशन पर ज्यादा तवज्जों की जरूरत
रूरल-अर्बन माइग्रेश की वजह से शहरों के बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ता जा रहा है. विनायक के मुताबिक इसकी वजह से देश के बड़े शहरों में ट्रैफिक, प्रदूषण जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. उनके मुताबिक नई सरकार को अगले पांच साल शहरों के एडमिनिस्ट्रेशन पर ज्यादा ध्यान देना होगा. सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर में बुनियादी ढांचे पर ज्यादा ध्यान देना होगा एक लांग टर्म विजन के तौर पर.
भविष्य के भारत का विकास कैसे होगा
बुधवार को इंडिया हैबिटैट सेंटर में इंफ्रास्ट्रक्चर और माइथोलॉजी पर एक विस्तृत चर्चा में जाने-माने माइथोलॉजिस्ट देवदत्त पटनायक ने टिकाऊ बुनियादी ढांचा का सवाल उठाया. देवदत्त पटनायक ने एनडीटीवी से कहा कि आर्थिक विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के दौरान नई सरकार को एक लॉन्ग-टर्म रणनीति के तहत सतत विकास की सोच को भारत की भविष्य की विकास रणनीति में शामिल करना होगा.