इंफोसिस ने ब्रिटिश कर आकलन के खिलाफ अपील करने की बात मानी : रिपोर्ट

इस विवाद का सबसे पहले खुलासा ‘द टाइम्स’ द्वारा किया गया, लेकिन यह खुलासा सुनक के लिए काफी संवेदनशील समय पर हुआ है, जिन्होंने अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख नादिम जहावी को बर्खास्त कर दिया था.

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इंफोसिस ने ब्रिटिश कर आकलन के खिलाफ अपील करने की बात मानी.
लंदन:

सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उसने ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा निगम कर के निर्धारण के खिलाफ अपील की, क्योंकि विवाद का खुलासा करने के लिए ब्रिटिश मीडिया रिपोर्टों ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का उल्लेख किया था. यहां रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के ससुर नारायण मूर्ति द्वारा सह-संस्थापित कंपनी इंसफोसिस को महामहिम के राजस्व और सीमा शुल्क (एचएमआरसी) विभाग के साथ दो करोड़ पाउंड के कर विवाद का सामना करना पड़ रहा है.

इस विवाद का सबसे पहले खुलासा ‘द टाइम्स' द्वारा किया गया, लेकिन यह खुलासा सुनक के लिए काफी संवेदनशील समय पर हुआ है, जिन्होंने अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख नादिम जहावी को बर्खास्त कर दिया था. एक जांच में पाया गया कि नादिम ने अपने कर मामलों में मंत्री पद से जुड़ी आचार संहिता का उल्लंघन किया था.

‘द टाइम्स' से इंफोसिस के एक प्रवक्ता ने कहा, 'इन्फोसिस एचएमआरसी के साथ इस विशिष्ट कर मामले सहित विभिन्न नियामक प्राधिकरणों के साथ चल रहे कुछ विवादों का विवरण प्रदान करता है.'

मूर्ति ने वर्ष 2014 में इंफोसिस छोड़ दिया और इसके संचालन में शामिल नहीं हैं. उनकी बेटी और सुनक की पत्नी (अक्षता मूर्ति) के पास बेंगलुरु स्थित कंपनी का सिर्फ 0.9 प्रतिशत हिस्सा है. 'द संडे टाइम्स' द्वारा इस हिस्सेदारी का अनुमानित मूल्य 73 करोड़ ब्रिटिश पाउंड बताया गया है.

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