समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और जनता अब भाजपा सरकार के कुशासन से छुटकारा पाने की सोच रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मंहगाई ने होली के त्योहार का उत्साह फीका कर दिया है. खाद्य तेल, घी, मेवा सब कुछ आम आदमी की पहुंच से दूर हो गया है. दिसंबर से अब तक लगभग हर चीज 25 फीसदी मंहगी बिकने लगी है.'' अखिलेश ने यहां जारी एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है, वह तो मुनाफाखोरों को लूट का अवसर देने को प्रतिबद्ध है. इसे ही भाजपा आपदा में अवसर करार देती है.''
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसान तो भाजपा सरकार की आंख में बुरी तरह खटक रहा है. महीनों से किसान अपनी फसल की न्यायोचित कीमत एमएसपी (न्यून्तम समर्थन मूल्य) की गारंटी पाने और (केंद्र के) तीनों काले कृषि कानूनों को वापस करने लेने की मांग करते हुए शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं. लेकिन, भाजपा सरकार उनकी बात सुनने को तैयार तक नहीं है.'' उन्होंने बयान में कहा, ‘‘ढाई सौ से ज्यादा किसान इस आंदोलन में अपनी बलि दे चुके हैं. भाजपा ने अब तक उस पर संवेदना के दो शब्द भी नहीं बोले हैं. किसानों को डर है कि नए कृषि कानून से उनकी खेती पर बड़े उद्योग घरानों का आधिपत्य हो जाएगा और वे खेत मालिक की जगह खेतिहर मजदूर बन कर रह जाएंगे.''
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उन्होंने कहा, ‘‘किसान पर भाजपा राज में दोगुनी मार पड़ रही है. उन्हें फसल के लाभप्रद दाम नहीं मिल रहे हैं और फसल की लागत भी नहीं निकल पाने से वे साल दर साल कर्ज के कर्ज में डूबते जा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) ने महंगाई एक्सप्रेस चला कर लोगों की मौजूदा चिंता बढ़ा दी है और इसे वह अपनी चार साल की उपलब्धियों के तौर पर गिना रहे हैं.
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