इंदौर में प्रवासी दिवस सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 130 करोड़ भारतवासियों की तरफ से आपका स्वागत करता हूं. इस सम्मेलन में 70 देशों के प्रवासी भारतीय शिरकत कर रहे हैं. करीब 4 वर्षों बाद प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक फिर से अपने मूल स्वरूप में हो रहा है. ये सम्मेलन मध्य प्रदेश के उस धरती पर हो रहा है जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है.
वैसे हम सभी जिस शहर में हैं वो भी अपने आप में अद्भुत है. लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है लेकिन मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है. ये वो दौर है जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत को समेटे रहता है. अपन का इंदौर देश ही नहीं पूरी दुनिया में लाजवाब है.साबुतदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसे शिकंजी जिसने भी देखा उसका मुंह का पानी नहीं रुका, जिसने इसे चखा उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा. यही वजह इंदौर को स्वच्छता के साथ साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं. मुझे विश्वास है कि यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे और यहां के अनुभवों को वापस जाकर बताना भी नहीं भूलेंगे.
यह प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है. अभी कुछ महीने पहले ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं. यहां स्वतंत्रता संग्राम की प्रदर्शनी लगाई गई है. देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है. भारत की वैश्विक दृष्टि को मजबूती मिलेगी.
दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं तो वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं. दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद एहसास होता है. जब दुनिया के अलग अलग देशों में सबसे शांति प्रिय और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है तो भारत को गौरव और बढ़ जाता है. मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का गौरव होता है.
इस वर्ष भारत दुनिया के G20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा हैं. हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है. हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे 'सशक्त और समर्थ भारत' की आवाज़ भी सुनाई देती है.