मुंबई की 5 साल की बच्ची के शरीर में धड़केगा इंदौर के किसान का दिल

सोलंकी का लिवर और दो किडनी इंदौर के तीन जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की जा रही हैं. जबकि उनके दोनों फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रतिरोपित किए जाएंगे.

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मुंबई में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही बच्ची हृदय विकार से जूझ रही
इंदौर:

अंगदान (heart transplant) कितना महत्वपूर्ण साबित होता है, इसका उदाहरण हमें अक्सर मिलता है, लेकिन हम इसे नजरअंदाज कर जाते हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर में ऐसा ही एक वाकया सामने आया है, जिसमें एक किसान के अंगदान होने से पांच जरूरतमंद लोगों को नई जिंदगी का रास्ता खुल गया. इनमें मुंबई के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 5 साल की बच्ची शामिल है. उसके शरीर में किसान का हार्ट ट्रांसप्लांट (heart transplant) किया जाएगा. इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने इसकी जानकारी दी. मुंबई के एक हास्पिटल में गंभीर हालत में 5 साल की मासूम भर्ती है. ये लड़की ऐसे विकार से जूझ रही है.

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इसमें उसका हृदय और  आसपास की जगह असामान्य तरीके से बड़ी हो गई है. जबकि मृत किसान के हृदय का आकार सामान्य के मुकाबले छोटा है. ऐसे में यह प्रत्यारोपण के लिए बेहद अनुकूल मामला है. दीक्षित ने कहा कि इस संयोग से बच्ची के शरीर में एक व्यक्ति का हृदय प्रत्यारोपित किए जाने की संभावना बनी है. हार्ट ट्रांसप्लांट की यह सर्जरी मेडिकल जगत में दुर्लभ होगी. पड़ोसी देवास जिले के पिपलिया लोहार गांव के मृत किसान खुम सिंह सोलंकी (41) के हार्ट को मुंबई के हास्पिटल में भर्ती बच्ची के शरीर में प्रत्यारोपित करने के लिए हवाई मार्ग से रवाना किया गया.

28 नवंबर को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल किसान को इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बावजूद सोलंकी की सेहत बिगड़ती चली गई.डॉक्टरों ने मंगलवार को उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया. सोलंकी का परिवार शोक में डूबा होने के बावजूद अंगदान के लिए राजी हो गया. इसके बाद सर्जन ने मृत शरीर से हृदय, दोनों फेफड़े, लिवर तथा दोनों किडनी निकाल लीं. सोलंकी का लिवर और दो किडनी इंदौर के तीन जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की जा रही हैं. जबकि उनके दोनों फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रतिरोपित किए जाएंगे.

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दोनों फेफड़ों को हवाई मार्ग से हैदराबाद भेजा गया है. इंदौर में पिछले 6 साल के दौरान दिमागी रूप से मृत घोषित 42 लोगों का अंगदान हो चुका है. इससे मिले हार्ट, लिवर, किडनी, आंखों और त्वचा के प्रत्यारोपण से मध्य प्रदेश के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और तेलंगाना में जरूरतमंद मरीजों को नए जीवन की अनमोल सौगात मिली है. दूसरे राज्यों में हवाई मार्ग से अंग पहुंचाए गए हैं.

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