IndiGo ने ‘टेल स्ट्राइक’ मामले में DGCA को 20 लाख रुपये का जुर्माना चुकाया

Tail strikes Row: बता दें कि प्लेन के टेकऑफ या लैंडिंग के समय उसका पिछला हिस्सा एयरस्ट्रिप से छूने की घटना को ‘टेल स्ट्राइक’ कहा जाता है.

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डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने IndiGo की बाजार हिस्सेदारी घटकर 61.8 प्रतिशत हो गई. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) ने विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) को जुर्माने के तौर पर 20 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है. इंडिगो एयरलाइन (IndiGo Airline) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि ‘टेल स्ट्राइक' की घटनाओं के चलते के चार मामलों में यह जुर्माना भरा गया है.

बता दें कि प्लेन के टेकऑफ या लैंडिंग के समय उसका पिछला हिस्सा एयरस्ट्रिप से छूने की घटना को ‘टेल स्ट्राइक' (Tail strikes) कहा जाता है.

टेल स्ट्राइक को लेकर 30 लाख का लगा था जुर्माना

इंटरग्लोब एविएशन ने शेयर बाजार को दी गई एक सूचना में कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने जुलाई में इंडिगो के ए321 एयरक्राफ्ट पर चार टेल स्ट्राइक मामलों का आरोप लगाते हुए कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उसपर बाद में 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

DGCA ने अपील के बाद जुर्माने की राशि घटाकर 20 लाख की

कंपनी ने जुर्माना भरने के आदेश के खिलाफ अपील की थी. उसकी दलीलों पर गौर करने के बाद डीजीसीए ने 13 अक्टूबर को जुर्माने की राशि घटाकर 20 लाख रुपये कर दी थी. इंटरग्लोब एविएशन ने कहा कि डीजीसीए ने आदेश के 30 दिन के भीतर भुगतान करने को कहा था. उसके मुताबिक, नौ नवंबर को जुर्माने की यह राशि जमा कर दी गई.

बीते महीने IndiGo की बाजार हिस्सेदारी घटकर 61.8% हुई

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या नवंबर में नौ प्रतिशत बढ़कर 1.27 करोड़ से अधिक रही. इन आंकड़ों से पता चलता है कि इंडिगो देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी बनी रही. हालांकि नवंबर में इसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 61.8 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर में 62.6 प्रतिशत और सितंबर की 63.4 प्रतिशत हिस्सेदारी से थोड़ी कम है.

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