इंडिगो संकट के बीच सबक, पिछले 25 सालों में भारतीय आसमान से गायब हुईं ये 7 बड़ी एयरलाइंस

इंडिगो संकट ने एक बार फिर से भारतीय एविएशन में बंद हुईं उन एयरलाइंस की याद दिला दी, जो कभी इस मार्केट पर राज किया करते थे. लेकिन बढ़ते कॉम्पिटिशन ने कहीं ना कहीं उनकी नींव हिला दी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इंडिगो की हालिया परिचालन समस्याएं भारतीय विमानन उद्योग के पिछले 25 वर्षों की चुनौतियों को याद दिलाती हैं
  • किंगफिशर एयरलाइंस भारी खर्च और ईंधन कीमतों के कारण वित्तीय संकट में फंसकर अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी
  • जेट एयरवेज बढ़ते कर्ज और प्रतिस्पर्धा के चलते अप्रैल 2019 में अपनी सभी उड़ानें रोक चुकी थी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

इंडिगो (IndiGo) में हाल ही में बड़े पैमाने पर आई परिचालन संबंधी दिक्कतों ने भारतीय विमानन उद्योग के पिछले 25 सालों के इतिहास को याद दिला दिया. इस दौरान कई बड़ी एयरलाइंस, जो कभी आसमान पर राज करती थीं, अचानक वित्तीय संकट और बाजार की बदलती परिस्थितियों की वजह से बंद हो गईं या किसी बड़ी कंपनी में समा गईं. इंडिगो के मौजूदा संकट को देखते हुए, यह जानना जरूरी है कि भारत में कौन सी वो 9 बड़ी एयरलाइंस गायब हो गईं और इसके पीछे क्या वजहें थीं.

भारतीय आसमान से गायब हुईं ये एयरलाइंस

  • 1. किंगफिशर एयरलाइंस

किंगफिशर एयरलाइंस को विजय माल्या ने 2005 में 'ग्लैमरस' सर्विस के साथ लॉन्च किया था. भारी खर्च, ईंधन की बढ़ती कीमतें और वित्तीय नुकसान की वजह से यह डूब गई. साथ ही क्रू को वेतन नहीं मिला और बैंकों का ₹7000 करोड़ से ज्यादा बकाया हो गया. इस एयरलाइंस का लाइसेंस अक्टूबर 2012 में निलंबित हो गया था..

  • 2. जेट एयरवेज

1993 में शुरू हुई जेट एयरवेज एयरलाइंस कंपनी सालों तक भरोसे का प्रतीक थी. लेकिन कम लागत वाली कंपनियों के बढ़ते दबाव और बेकाबू कर्ज की वजह से इसने परिचालन बंद कर दिया. इस एयरलाइंस की अप्रैल 2019 में सभी उड़ानें रोक दी गईं. वहीं, नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लिक्विडेट करने का आदेश दे दिया.

  • 3. गो फर्स्ट

इंजन सप्लाई करने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी से गंभीर समस्याओं के कारण इसके आधे से ज्यादा विमानों को जमीन पर खड़ा करना पड़ा. कर्ज ₹6521 करोड़ से ज्यादा हो गया और कोई रिवाइवल प्लान सफल नहीं हो सका. इसी वजह से साल 2023 में इसे अचानक बंद कर दिया गया. साथ ही 2025 में लिक्विडेशन के आदेश दे दिए गए.

इन उदाहरणों से पता चलता है कि भारतीय एविएशन मार्केट में बने रहना कितना मुश्किल है, जहां कर्ज, इंजन की समस्याएं और बड़ा कॉम्पिटिशन किसी भी एयरलाइन को बंद करवा सकती है.
  • 4. एयर सहारा

अप्रैल 2007 में, जेट एयरवेज ने एयर सहारा को 1450 करोड़ रुपये में खरीद लिया था और इसे जेटलाइट के रूप में फिर से ब्रांड किया. अप्रैल 2019 में जेटलाइट और जेट एयरवेज दोनों एक साथ बंद हो गए, जिससे एयर सहारा की विरासत औपचारिक रूप से खत्म हो गई.

  • 5. एयर डेक्कन  

2003 में, एयर डेक्कन ने भारतीय यात्रा को हमेशा के लिए बदल दिया. कैप्टन जीआर गोपीनाथ ने एक ऐसा प्लान सभी के सामने रखा, जिसने क्रांति ला दी. प्लान था कि कोई भी व्यक्ति ट्रेन के किराए के बराबर कीमत में हवाई यात्रा कर सके. छोटे शहरों को जोड़ने वाले एटीआर 42 और 72 विमानों के साथ एयर डेक्कन आम यात्रियों की एयरलाइन बन गई. लेकिन एयरलाइंस की वित्तीय स्थिति तेजी मार्केट के साथ तालमेल नहीं बिठा पाई. इस एयरलाइन को विजय माल्या ने खरीद लिया और इसका नाम बदलकर सिम्पलीफाई डेक्कन रखा, जिसे बाद में किंगफिशर रेड में बदल दिया गया.

Advertisement
  • 6. पैरामाउंट एयरवेज

भारतीय विमानन जगत में पैरामाउंट एयरवेज ने 2005 में अपनी शुरुआत के समय एक अनूठा मॉडल पेश किया. यह मुख्य रूप से दक्षिणी बिजनेस यात्रियों को टार्गेट करती थी. कानूनी विवादों, बकाया भुगतान न करने और वित्तीय समस्या की वजह से इसे बंद करना पड़ा.

  • 7. विस्तारा (Vistara)

विस्तारा नुकसान के कारण बंद नहीं हुई. यह टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस की साझेदारी थी, लेकिन टाटा के एविएशन बिजनेस के एकीकरण (consolidation) के बाद यह एअर इंडिया में मर्ज हो गई और अपनी पहचान खो दी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
सिलाई से मानसिक शांति और हीलिंग | Kushalta Ke Kadam | USHA