- इंडिगो एयरलाइंस के संकट के कारण सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है.
- शिलांग से आई महिला अपने दिवंगत पति के ताबूत को कोलकाता ले जाने के लिए इंडिगो फ्लाइट का इंतजार कर रही है.
- हैदराबाद एयरपोर्ट पर लक्ष्मी एक रात से फंसी हैं, जो कुवैत में घरेलू काम करने के लिए जा रही थीं.
मेरे पति का निधन हो गया है... पर मैं एयरपोर्ट पर फंसी हूं... मुझे उनके लिए ताबूत ले जाना है.. इस महिला का दर्द तो बयां भी नहीं किया जा सकता है. उनका पति अब इस दुनिया में नहीं है. वो शिलॉन्ग से एयरपोर्ट पर पहुंची हैं. लेकिन इंडिगो संकट के कारण अपने पति का ताबूत नहीं ले जा पा रही हैं. ऐसी कई कहानियां हैं जिसको सुनकर कलेजा मुंह को आ जाए. इस महिला का दर्द भला कौन समझेगा.किसी छात्र की परीक्षा छूट गई तो किसी की शादी छूट गई. इंडिगो संकट ने देश के कई लोगों को ऐसा दर्द दिया है जिसकी कोई भरपाई नहीं कर सकता है.
चार दिनों के दौरान इंडिगो की सैंकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है और इसका असर आम यात्रियों पर पड़ रहा है. फ्लाइट कैंसिल होना यूं तो बहुत ही साधारण सी बात लगती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह कभी न भूल पाने वाला हादसा बन चुका है. लोगों को पता नहीं है कि फ्लाइट कब उड़ान भरेगी और भरेगी भी की नहीं. उनके लिए फ्लाइट का इंतजार अंतहीन कहानी बन गया है. ऐसी एक नहीं बल्कि हजारों कहानियां हैं, जिन्हें सुनकर ही हमारी आंखें नम हो जाएगीं. ऐसी ही कुछ चुनिंदा कहानियां हम आप तक पहुंचा रहे हैं.
नहीं रहे पति, अब तक ताबूत भी नहीं पहुंच रहा
"मैं सुबह शिलांग से आई हूं. मेरे पति का निधन हो गया है और मैं उनके ताबूत को कोलकाता ले जाने आई हूं, जिससे उन्हें उनके गृहनगर में दफनाया जा सके. हमने इंडिगो की फ्लाइट बुक की थी और अभी तक हमें कोई जानकारी नहीं है कि फ्लाइट उड़ान भरेगी या नहीं..."
यह पीड़ा असम के गुवहाटी एयरपोर्ट पर फंसी एक पत्नी की है, जिसके पति का निधन हो गया है, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता पहुंचने में लगातार देर हो रही है. कारण इंडिगो की फ्लाइट में हो रही देरी है. वह सवाल पूछ रही हैं कि इस हालात में मैं क्या करूं, लेकिन इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है.
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एक रात और एक दिन से एयरपोर्ट पर फंसी लक्ष्मी
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के कारण 39 वर्षीय लक्ष्मी भी हैदराबाद एयरपोर्ट पर फंस गई. एयरपोर्ट पर एक रात और एक दिन सिर्फ इंतजार के बिताने वाली लक्ष्मी की अपनी मजबूरियां हैं.
लक्ष्मी के पति की अगस्त में उनके पति की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. ऐसे में कर्ज चुकाने और 16 वर्षीय बेटे का पालन-पोषण के लिए वह तिरुपति से कुवैत में घरेलू मजदूर के रूप में काम करने के लिए जा रही थीं, लेकिन एयरपोर्ट पर फंसी हैं. उन्हें नहीं पता है कि वो कब कुवैत जा सकेंगी.
आंसू आते हैं, लेकिन सब्र की कोशिश है...
अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक महिला यात्री रो रही हैं. कारण क्या है, किसी को नहीं पता है, लेकिन यह समझा जा सकता है कि मंजिल तक पहुंचने की कोशिश में नाकामी मिली तो आंसू निकल आए. वह अपने आंसुओं को जज्ब करती है, खुद को दिलासा देती है, लेकिन आंसुओं का क्या है निकल ही आते हैं.
इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और एयरपोर्ट पर लंबी कतारें नजर आ रही हैं. ऐसे में यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.













