इंडिगो संकट के बाद DGCA ने वीकली रेस्ट नियम वाला आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया

बता दें कि नए वीकली रेस्ट के आदेश के कारण इंडिगो को पायलटों की कमी का सामना करना पड़ रहा था जिसके कारण पिछले 4 दिनों में उसकी 1300 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई थीं.

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देशभर में इंडिगो संकट के बाद डीजीसीए ने हरकत में आते हुए अपना पहले वाला आदेश वापस ले लिया है. डीजीसीए ने हवाई कर्मचारियों के लिए वीकली रेस्ट वाला अपना आदेश वापस लेने का फैसला किया है. डीजीसीए ने इस बारे में एक लेटर जारी कर जानकारी दी है. गौरतलब है कि नए वीकली रेस्ट के आदेश के कारण इंडिगो को पायलटों की कमी का सामना करना पड़ रहा था जिसके कारण पिछले 4 दिनों में उसकी 1300 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई थीं. डीजीसीए का ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा. डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा कि विभिन्न एयरलाइन की तरफ से इस बार में लगातार शिकायतें मिल रही थीं. ऐसे में विमानों की आवाजाही को ठीक करने के लिए वीकली रेस्ट वाला आदेश वापस लेने का फैसला किया गया है.

बता दें कि एयरलाइन पायलटों की मासिक कार्य सूची से जुड़ी समस्याओं के कारण देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन पूरी तरह चरमरा गया है. शुक्रवार को 400 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और कई यात्री हवाई अड्डों पर तीन दिनों तक फंसे हुए हैं. पायलटों के लिए मासिक कार्य सूची (रोस्टरिंग) का अर्थ है पायलटों को सरकारी नियमों (एफडीटीएल) के अनुसार ड्यूटी, आराम और साप्ताहिक विश्राम आवंटित करने की समय-सारणी बनाना. हवाई अड्डों पर अराजकता का माहौल दिखा. इंडिगो की कई उड़ानें 12 घंटे से अधिक देरी से चलीं, यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सामान खोने की शिकायतें भी सामने आईं. पायलटों की कमी और योजनागत कमियों के कारण आज व्यवधान का चौथा दिन है. पायलटों की कमी और योजनागत खामियों के कारण इंडिगो की उड़ानों में यह व्यवधान आज चौथे दिन भी है और अधिकारी स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं. गोवा हवाई अड्डे से भी इंडिगो का परिचालन शुक्रवार को बाधित रहा, जिसके चलते वहां से उसकी 30 घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं.

भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) ने यात्रियों को हवाई अड्डे आने से पहले अपनी उड़ानों की नवीनतम स्थिति का पता करने की सलाह दी है. एएआई द्वारा संचालित दाबोलिम हवाई अड्डे ने 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि बेंगलुरु, सूरत, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई सहित 30 इंडिगो उड़ानें रद्द हुई हैं. इंडिगो ने अप्रत्याशित परिचालन चुनौतियों (तकनीकी खामियां, मौसम, भीड़, नए रोस्टरिंग नियम) के कारण समय-सारणी प्रभावित होने की बात कही है. दिल्ली में एक कर्मचारी को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा. बृहस्पतिवार रात साढ़े आठ बजे की दिल्ली-मुंबई उड़ान के लिए उन्होंने 25,000 रुपये दिए थे. पूरी रात हवाई अड्डे पर फंसी रहने के बाद शुक्रवार सुबह उनकी उड़ान रद्द होने की घोषणा हुई. उनका चेक-इन किया गया सामान भी नहीं मिला, जिसके बाद एयरलाइन ने उसे घर पहुंचाने का आश्वासन दिया. संस्थान के ही एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि दिल्ली आने वाली एक उड़ान, जो बृहस्पतिवार शाम साढ़े पांच बजे रवाना होनी थी, यात्रियों के भारी विरोध के बाद शुक्रवार तड़के दो बजे ही उड़ान भर सकी. कई यात्री उड़ान में देरी का कारण पूछते हुए नाराज हो गए. यह भी दावा किया गया कि मुंबई-दिल्ली मार्ग पर हवाई किराया लगभग 60,000 रुपये तक पहुंच गया था. रोजाना करीब 2,300 उड़ानें संचालित करने वाली इंडिगो की समय पर उड़ान भरने की दर (ओटीपी) मंगलवार के 35 प्रतिशत से गिरकर बुधवार को 19.7 प्रतिशत पर आ गई. इंडिगो ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सूचित किया है कि परिचालन में आई बाधा का मुख्य कारण फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (एफडीटीएल) मानदंडों के दूसरे चरण को लागू करने में योजना संबंधी कमी थी. एयरलाइन ने डीजीसीए को बताया कि परिचालन 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह से सामान्य होने की उम्मीद है लेकिन आठ दिसंबर तक और उड़ानें रद्द होंगी.नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने इस स्थिति से निपटने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. (इनपुट्स भाषा से भी)

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