संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में 10 नवंबर को होगी भारत की रिपोर्ट की समीक्षा

भारत ने अपनी रिपोर्ट 5 अगस्त 2022 को दाखिल की है. इस रिपोर्ट पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सहयोग से अलग-अलग प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई.

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यूएन मानवाधिकार परिषद के सदस्य देश अपने साथी देशों के मानवाधिकार के पालन के रिकार्ड की समीक्षा करते हैं.
नई दिल्ली:

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में 7 से 18 नवंबर तक यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू (यूपीआर) वर्किंग ग्रुप का 41वां सत्र आयोजित किया जा रहा है. इस सत्र के दौरान, चौथे यूपीआर चक्र के लिए भारत की राष्ट्रीय रिपोर्ट की समीक्षा 10 नवंबर 2022 को की जाएगी. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.

इस समूह में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, नीति आयोग और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी होंगे.

यूपीपीएससी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें यूएन मानवाधिकार परिषद के सदस्य देश अपने साथी देशों के मानवाधिकार के पालन के रिकार्ड की समीक्षा करते हैं. सदस्य देशों की सलाह पर जिस देश की समीक्षा हो रही हो, उसे अपना पक्ष रखना होता है, मानना होता है या नोट लेना होता है. इस पर जो रिपोर्ट बनेगी वो मानवाधिकार परिषद के 52वें बैठक में एडॉप्ट की जाएगी, जो 22 मार्च 2023 को होगी.

भारत ने अपनी रिपोर्ट 5 अगस्त 2022 को दाखिल की है. इस रिपोर्ट पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सहयोग से अलग-अलग प्रतिनिधियों जैसे न्यायपालिका, सिविल सोसायटी, आम नागरिक और राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान के साथ बैठक की गई.

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