नई संभावनाओं का अध्ययन... ट्रंप के 26 फीसदी टैरिफ पर क्या है भारत का रिएक्शन

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले कुछ चुने हुए गुड्स पर छूट देने का फैसला किया है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, तांबा और ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं.

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नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले सामानों पर गुरुवार को 26% रेसिप्रोकाल टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारत सरकार ने कहा है कि वो इस फैसले के असर की समीक्षा कर रहा है और इसकी वजह से उत्पन्न नयी संभावनाओं का भी अध्ययन कर रहा है. ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक ट्रंप का रेसिप्रोकाल टैरिफ भारत के लिए आपदा में अवसर साबित हो सकता है, क्योंकि चीन, वियतनाम जैसे प्रतियोगी देशों पर ज्यादा टैरिफ असल में भारत के लिए बड़ा मौका हो सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा जारी एग्जीक्यूटिव आर्डर में कहा गया है

  • अमेरिका पैसेंजर गाड़ियों के आयात पर 2.5% टैरिफ लगाता है जबकि भारत का टैरिफ रेट 70% है.
  •  Rice in the husk पर अमेरिका का टैरिफ 2.7% है जबकि भारत 80% टैरिफ लगाता है.
  • अमेरिका में सेब का आयात ड्यूटी फ्री होता है जबकि भारत 50% टैरिफ लगाता है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले कुछ चुने हुए गुड्स पर छूट देने का फैसला किया है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, तांबा और ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं. इस फैसले को भारत के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस फैसले का सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, gems एंड ज्वेलरी और रेडीमेड कपड़ा और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों पर ज़्यादा पड़ेगा.

भारत सरकार की तरफ से पहली प्रतिक्रिया में वाणिज्य मंत्रालय ने कहा 

  • कार्यकारी आदेश (Executive Order) के Annex I के अनुसार भारत पर अतिरिक्त शुल्क 27% है
  • वाणिज्य विभाग अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा किए गए घोषणाओं के असर की समीक्षा कर रहा है
  • विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य विभाग उद्योग जगत और निर्यातकों के साथ रेसिप्रोकाल टैरिफ के असर का आंकलन कर रहा है
  • भारत अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी में अहम बदलाव से उत्पन्न नयी संभावनाओं का भी अध्ययन कर रहा है

वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया है. उसके Clause 4 में यह प्रावधान है कि जो भी देश टैरिफ को लेकर अमेरिका की चिताओं को एड्रेस करेंगे उन पर लगाए गए टैरिफ को घटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है. भारत ने Bilateral Trade Agreement (BTA) पर बातचीत शुरू की है. इस दौरान भारत और अमेरिका दोनों द्विपक्षीय व्यापार को लेकर, विशेष कर Tariff को लेकर एक दूसरे की चिताओं को एड्रेस करेंगे. BTA पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू करके भारत को एक एडवांटेज मिला है. हम अमेरिका के साथ सक्रियता से बातचीत कर रहे हैं और Tariff के मुद्दे पर दूसरे देशों से काफी आगे हैं.

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उधर, उद्योग जगत ने पहली प्रतिक्रिया में कहा कि भारतीय एक्सपोर्ट गुड्स पर 26% Reciprocal Tariff एक्सपोर्टरों के लिए चुनौती के साथ साथ नए बाजार की तरफ बढ़ने का एक अवसर भी है. उद्योग संघ PHDCCI ने बयान जारी कर दावा किया कि भारत के GDP पर इसका सिर्फ 0.1% असर पड़ेगा.

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PHDCCI के सीईओ और सेक्रेटरी जनरल रणजीत मेहता ने एनडीटीवी से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर जो 26% Reciprocal Tariff लगाया है. यह भारतीय एक्सपोर्टरों के लिए एक चुनौती है और एक अवसर भी है. भारतीय एक्सपोर्टरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इंडियन प्रोडक्ट्स के लिए नए बाजार की तरफ बढ़ना होगा. भारतीय एक्सपोर्टर को लैटिन अमेरिका के साथ-साथ अफ्रीका और पश्चिम एशिया में एक्सपोर्ट बढ़ाने की तरफ आगे बढ़ना होगा, एक्सपोर्ट मार्केट का diversification करना होगा. सरकार को प्रभावित होने वाले exporters  को नए देश में मार्केट एक्सेस मुहैया कराने के लिए हैंड होल्डिंग करनी होगी. अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने का भारत पर शॉर्ट टर्म में असर होगा, जो सेक्टर प्रभावित होने वाले हैं उनके लिए सरकार को Tariff Subsidy पॉलिसी तैयार करना होगा. लेकिन अमेरिका द्वारा Reciprocal Tariff लगाने का लॉन्ग टर्म में भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा'.

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