भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहगाव ने बीते कुछ दिनों से भारतीय बाजार में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बाजार की मौजूदा हालत के पीछे एक सोची समझी साजिश को जिम्मेदार बताया है. सहवाग ने सोमवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र किए बगैर लिखा है कि गोरों से इंडिया की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती. भारतीय बाजार की मौजूदा हालत एक सोची समझी साजिश का हिस्सा लगती है. कोशिश कितनी भी कर लें पर हमेशा की तरह, भारत और मजबूत ही निकलकर उभरेगा.
बता दें कि सहवाग अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में करंट अफेयर्स पर अपने विचार साझा करते रहे हैं. उन्होंने नवंबर 2016 में नोटबंदी के तहत 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने को एक भी एक अच्छा कदम बताया था.
गौरतलब है कि उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला'' बताते हुए कहा था कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं'' हैं. अडानी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने'' की ‘‘छिपी हुई मंशा'' से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
समूह ने कहा था कि यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता तथा भारत की विकास गाथा एवं महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है.'इसने कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं'' हैं. समूह ने कहा था कि ये दस्तावेज ‘‘चुनिंदा गलत सूचनाओं एवं छुपाकर रखे गए तथ्यों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन हैं.''
ये ‘‘निराधार और शर्मनाक आरोप किसी गुप्त मकसद'' से लगाए गए हैं. इसने हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता एवं नैतिकता पर सवाल उठाया और कहा था कि रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी की गई, यह इस बात से स्पष्ट है कि इसे ऐसे समय में जारी किया गया, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश कर रहा है.