भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ का हलाल फूड बाजार, लखनऊ समेत ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में ज्यादा मांग

हलाल फूड की मांग सबसे ज़्यादा हैदराबाद, लखनऊ और मुंबई में है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. इन शहरों ने हलाल फ़ूड की सप्लाई चेन स्थापित की हैं. भारतीय हलाल फूड का निर्यात भी बढ़ रहा है, खासकर खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में.

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Halal Products
नई दिल्ली:

भारत में आबादी बढ़ने के साथ ही हलाल मीट और हलाल फूड का बाजार बड़ा होता जा रहा है. ग्लोबल मार्किट इंटेलिजेंस और कंसल्टेंसी फर्म केन रिसर्च ने भारत में हलाल फूड बाजार पर अपनी रिपोर्ट, 'India Halal Food Market Outlook to 2030' में कहा है कि देश में हलाल फूड बाजार की वैल्यू 19 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गयी है. केन रिसर्च के आंकलन के मुताबिक, मुस्लिम उपभोक्ताओं के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक गैर-मुस्लिम उपभोक्ताओं में हलाल फ़ूड की बढ़ती मांग की वजह से हलाल फ़ूड का व्यापार भारत में बढ़ता जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता से हलाल फूड प्रोडक्ट्स न खरीदने की अपील की है, इसके बाद यह मुद्दा फिर गरमा गया है. उनका कहना है कि इससे मिलने वाला धन आतंकवाद, धर्मांतरण और 'लव जिहाद' की गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है

हलाल-प्रमाणित उत्पादों (Halal-certified Products) की बढ़ती मांग

हलाल फूड की मांग सबसे ज़्यादा हैदराबाद, लखनऊ और मुंबई में है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. इन शहरों ने हलाल फ़ूड की आपूर्ति शृंखलाएं (supply chain) स्थापित की हैं, जिससे ये हलाल-प्रमाणित खाद्य उत्पादों के प्रमुख केंद्र बन गए हैं. केन रिसर्च के मुताबिक भारतीय हलाल फ़ूड का निर्यात भी बढ़ रहा है, खासकर खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में.

भारत के हलाल फ़ूड बाज़ार में सक्रिय प्रमुख कंपनियों में -- एलानासंस प्राइवेट लिमिटेड (Allanasons Pvt. Ltd), अल कबीर ग्रुप, अमारा हलाल फ़ूड्स, BRF S.A. और नेस्ले एस.ए. (Nestle S.A) शामिल हैं. ये कंपनियां अपनी मज़बूत आपूर्ति श्रृंखलाओं, निर्यात क्षमताओं और ब्रांड पहचान के कारण बाज़ार पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं.

केन रिसर्च के मुताबिक, भारत का हलाल फ़ूड बाज़ार हलाल-प्रमाणित उत्पादों (halal-certified products) की बढ़ती मांग, बढ़ती मुस्लिम आबादी और हलाल उत्पादों के लिए ऑनलाइन खुदरा प्लेटफ़ॉर्म के विस्तार की वजह से बढ़ता जा रहा है. हालांकि भारत के हलाल फ़ूड बाज़ार में कंपनियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे हलाल प्रमाणन मानकों (halal certification standards) का अनुपालन, प्रमाणित supply chain को बनाए रखने और हलाल प्रमाणन के बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता, विशेष रूप से देश के गैर-मुस्लिम क्षेत्रों में, शामिल हैं.

भारत सरकार की statutory body - Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority (APEDA) के मुताबिक, भारत दुनिया का दसवां सबसे बड़ा  buffalo meat का निर्यातक है. दुनियाभर में buffalo meat के प्रमुख निर्यातक ब्राज़ील, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और कनाडा हैं. APEDA के मुताबिक, सबसे ज़्यादा भैंसों की आबादी (प्रतिशत में) वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश (30%), राजस्थान (12.5%), गुजरात (9.6%), मध्य प्रदेश (9.4%), बिहार (7%) शामिल हैं. 

ओवरऑल मांस उत्पादक (meat producing states) राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश (12.2%), पश्चिम बंगाल (11.9%), महाराष्ट्र (11.5%), आंध्र प्रदेश (11.2%) और तेलंगाना (11.0%) के साथ सबसे आगे हैं. सरकारी आकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023-24 के दौरान भारत से भैंस के मांस उत्पादों का कुल निर्यात 1,295,603.15 MT का हुआ था जिसका मूल्य  3.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. भारत से भैंस के मांस के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में शामिल हैं -- मलेशिया, वियतनाम, मिस्र, इराक और संयुक्त अरब अमीरात.

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