वयस्क कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए भारत में नेजल स्प्रे (Nasal spray)लांच किया गया है. मुंबई स्थित डेवलपर्स ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल को इस संबंध में देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल से मार्केटिंग मंजूरी मिलने के बाद इस नेजल स्प्रे को लांच किया गया है.
- ग्लेनमार्क ने दावा किया है कि इस नाइट्रिक ऑक्साइड स्प्रे को FabiSpray (फेबिस्प्रे) के नाम से बेचा जाएगा .कंपनी की ओर से एक बयान में दावा किया गया है कि जब नाइट्रिक ऑक्साइड नेज़ल को नाक के म्यूकोसा पर छिड़का जाता है तो यह वायरस के खिलाफ एक भौतिक और रासायनिक बाधा के रूप में कार्य करता है.
- कंपनी को peer-reviewed journal में अभी ट्रायल डाटा पब्लिश करना लेकिन उत्पाद को यूरोपियन यूनियन से 'CE' मार्क मिल गया है.कंपनी के बयान में कहा गया है, "FabiSpray को इस तरह डिजायन किया गया है कि वह ऊपरी वायुमार्ग में COVID-19 वायरस को मार सके.
- ट्रायल डाटा बताता है कि स्प्रे, वायरल लोग को 24 घंटों में 94 प्रतिशत और 48 घंटों में 99 प्रतिशत तक कम करता है. कंपनी का कहना है कि हमारा उत्पाद सुरक्षित है. परीक्षण के दौरान नाइट्रिक ऑक्साइड नेज़ल स्प्रे (NONS) COVID-19 रोगियों में सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन किया गया.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथ ने नवंबर में कहा था कि नेजल स्प्रे और मुंह के जरिये ली जानी वाली दवाओं को कोविड वैक्सीन की सेकंड जनरेशन की कोविड वैक्सीन की तरह माना जा रहा है जो कि अगले कुछ हफ्तों या माह में उपलब्ध होंगी.
- वर्तमान में भारत में मुख्य रूप से एस्ट्रोजेनेका की ओर से विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटैक की कोवैक्सीन दी जा रही हैं. बुधवार तक देशभर में कोरोना वैक्सीन की 170.9 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं.
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