"भारत की क्षमता, प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है कि वह मुश्किल परिस्थितियों में मदद करें": विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई में एक संवाद सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपने 10 पोत तैनात किए हैं.

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"भारत की क्षमता, प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है कि वह मुश्किल परिस्थितियों में मदद करें": विदेश मंत्री एस जयशंकर
इतिहास और भूगोल बहुत शक्तिशाली ताकतें हैं. इससे बचा नहीं जा सकता: एस जयशंकर
मुंबई:

लाल सागर में मर्चेंट नेवी के पोतों पर हमले और क्षेत्र में भारतीय नौसेना के पोतों की तैनाती के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने मंगलवार को कहा कि भारत की क्षमता, उसके अपने हित और प्रतिष्ठा के लिए आज जरूरी है कि वह कठिन परिस्थितियों में वास्तव में मदद करें. जयशंकर ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई में एक संवाद सत्र के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपने 10 पोत तैनात किए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत की क्षमता, हमारे अपने हित और हमारी प्रतिष्ठा के लिए आज यह जरूरी है कि हम वास्तव में कठिन परिस्थितियों में मदद करें.''

जयशंकर ने कहा, ‘‘यदि हमारे पड़ोस में कुछ ठीक नहीं हो रहा हो और हम कहें कि हमारा इनसे कोई लेना-देना नहीं, तो हमें एक जिम्मेदार देश नहीं माना जाएगा.'' जयशंकर ने मालदीव में ‘इंडिया आउट' अभियान पर कहा कि पड़ोसियों को अंतत: एक-दूसरे की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास और भूगोल बहुत शक्तिशाली ताकतें हैं. इससे बचा नहीं जा सकता.''

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया भारतीय युद्धपोत ‘आईएनएस सुमित्रा' ने सोमालिया के पूर्वी तट पर ईरानी झंडा लगे मछली पकड़ने के जहाज पर समुद्री डाकुओं के हमले के बाद उस पर सवार चालक दल के 19 पाकिस्तानी सदस्यों को बचाया.

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‘आईएनएस सुमित्रा' को अदन की खाड़ी और सोमालिया के पूर्व में समुद्री दस्यु रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किया गया है.

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जहाज ने मछली पकड़ने वाले ईरानी जहाज ‘इमान' पर सोमवार को समुद्री डकैती का प्रयास विफल कर दिया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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