एक पिता पर क्या गुजरेगी, जब एक बेटी पिता को मैसेज करे कि पापा हम पर अटैक हो गया है, मेरा कहा सुना माफ कर देना, मैं सो रही हूं, सुबह बताऊंगी जिंदा हूं कि नहीं. नोएडा की रहने वाली जोया रिजवी मेडिकल की पढ़ाई ईरान में कर रही हैं. 13 जून को जोया ने पिता को मैसेज किया कि है हम पर अटैक हो गया है, और सुबह आपको बताऊंगी कि अगर जिंदा बची तो. इस मैसेज के बाद पिता के पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई. मगर, फिर भी पिता ने अपनी बेटी को तसल्ली दी और कहा कि सब्र करो सही सलामत आ जाओगी.
जोया रिजवी 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान से भारत लौटकर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अपने पिता से मिलीं. उन्होंने कहा, "मैं वाकई बहुत डर गई थी."
भारत सरकार का धन्यवाद
ईरान से भारत लौटी छात्राओं ने अपनी आपबीती एनडीटीवी को बताई. उन्होंने बताया कि जब ये अटैक हो रहे थे, तो वो सब तेहरान में थीं. कश्मीर की रहने वाली छात्रा सैयदा फरवा ने बताया, "हमारी आंखों के सामने इंटरसेप्शन हो रहा था, ड्रोन अटैक, मिसाइल अटैक... सब हमने देखा. हमारे भारतीय भी जख्मी हुए थे." वहीं पढ़ाई के लिए वापस ईरान लौटने के सवाल पर कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि जल्द वापस लौटें, क्योंकि मैं थर्ड ईयर की स्टूडेंट हूं." वहीं दूसरी छात्रा ने भी कहा, "हम फिर से वहां पढ़ना चाहते हैं, भारत सरकार वापस लाई, हमारे लिए बहुत बड़ी बात है, और शुक्रगुजार हैं उनके. हम लोग फिर से वहां पढ़ना चाहते हैं. उम्मीद है जल्द हालत ठीक होंगे."
एंबेसी हमारा ख्याल रख रही थी
ईरान इराक में धार्मिक यात्रा करने गई जायरीन ने इजरायल-ईरान जंग का पूरा हाल बताया. उन्होंने कहा कि हमारी आंखों के सामने इजरायल की मिसाइल को ईरान मार रहा था और लोग वहां जश्न मना रहे थे. काश, हम लोग भी वहां शहीद हो जाते, भारत सरकार ने अच्छे से अच्छा खाना और रहने के लिए होटल दिया, कदम कदम पर एंबेसी हमारा ख्याल रख रही थी. हम लोगों को कोई डर नहीं था. वहां के लोग जश्न मना रहे थे. छोटे-छोटे बच्चे वहां जश्न मना रहे थे. Ice Cream बांट रहे थे. मरने से ईरान के लोग नहीं डरते हैं. हम लोग अपनी किस्मत समझ रहे थे कि हम लोग वहां मर जाएं.