'भारतीय बलि का बकरा नहीं, जिन पर आप वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल करें', मनीष तिवारी का तंज

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन डेवलप किया है. यह पूरी तरह से स्वेदशी वैक्सीन है और पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया के अतिमहत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने टीकाकरण अभियान शुरु होने से तीन दिन पहले भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxine पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने बुधवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या ये वैक्सीन फेज 3 ट्रायल के तहत लोगों को दिए जाएंगे क्या? उन्‍होंने कहा कि या तो सरकार को कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल संपन्न होने के बाद इसे इस्तेमाल की इजाजत देनी चाहिए थी या फेज 3 ट्रायल होने तक  रिलीज नहीं करना चाहिए था.

तिवारी ने ट्वीट किया है,  "कल तक एनडीए / भाजपा ने दावा किया था कि कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है. आज वैक्सीन लेने वालों को अपनी पसंद की वैक्सीन लेने की अनुमति नहीं देकर क्या NDA / BJP भारतीयों को बलि का बकरा बनाना चाह रही, जिन पर कोवैक्सिन के तीसरे चरण का ट्रायल हो सके."

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बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी तब आई है, जब दिल्ली समेत देश के 10 शहरों में आज ही सुबह वैक्सीन की पहली खेप पहुंच चुकी है और इसे 16 जनवरी से पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को लगाया जाना है. हालांकि, अभी तक कोवैक्सीन को तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में क्लियरेंस नहीं मिल सका है. इस वजह से सरकार ने कहा था कि इसका इस्तेमाल दूसरे विकल्प के तौर पर होगा.

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन डेवलप किया है. यह पूरी तरह से स्वेदशी वैक्सीन है और पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया के अतिमहत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है.

Video: COVISHIELD या COVAXIN: दोनों वैक्सीनों में मनपसंद चुनने का विकल्प नहीं

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