चीन, तुर्किए और अजरबैजान... पाकिस्‍तान के 'भाईजान' की भारत में बंद होगी दुकान

भारत अगर तुर्किए और अजरबैजान की इन दुकानों को बंद कर देता है, तो आर्थिक नुकसान होने से इन्‍हें अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इन देशों के होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर, और अन्य संबंधित व्यवसायों को भी नुकसान होगा.

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पाकिस्‍तान की मदद करने वाले तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ गुस्‍से में भारतीय
नई दिल्‍ली:

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्किए और अजरबैजान का असली चेहरा पूरी दुनिया के सामने आ गया. पाकिस्‍तान ने इस दौरान भारत पर जो ड्रोन और मिसाइल दागे वो 'मेड इन' चाइना और तुर्किए थे. पाकिस्‍तान ने जो चीन की फुस्‍स मिसाइल और तुर्किए के ड्रोन भारत पर हमले में इस्‍तेमाल किये, उनके अवशेष नई दिल्‍ली के पास मौजूद हैं. चीन और तुर्किए अब इन सबूतों को नकार नहीं सकता है. भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्‍तान को ऑपरेशन सिंदूर में ऐसी चोट दी कि वो घुटनों पर आ गया और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा. पाकिस्‍तान को सबक सिखा दिया गया है अब उसके 'भाईजान' चीन, तुर्किए और अजरबैजान की दुकान भारत में बंद करने की तैयारी हो रही है.     

भारतीय पर्यटक कर रहे तुर्किए का बहिष्कार

भारतीयों ने तुर्किए का विरोध करना शुरू कर दिया है. इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर तुर्किए के पर्यटन विभाग का एक लेटर वायरल हो रहा है. इसमें अंकारा ने भारतीय पर्यटकों की ओर से तुर्किए के बहिष्कार का जिक्र किया है. पर्यटकों से होने वाली कमाई तुर्किए की अर्थव्‍यवस्‍था का अहम हिस्‍सा रहा है. हर साल तुर्किए में औसतन 62.2 मिलियन पर्यटक आते हैं. इनमें से 3 लाख के लगभग भारतय पर्यटक होते हैं.

साल 2023 से 20.7% ज्यादा पर्यटक तुर्किए में पहुंचे थे. पर्यटकों से तुर्किए का राजस्व लगभग $61.1 बिलियन डॉलर रहा. भारतीय पर्यटकों का औसत खर्च इसमें लगभग 972 डॉलर है. भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से तुर्किए को करीब 291.6 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. ये तो वो नुकसान नजर आ रहा है, लेकिन तुर्किए को भारत के खिलाफ जाने का अप्रत्‍यक्ष रूप से भी आर्थिक नुकसान होगा.

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भारतीय व्‍यापारियों ने भी तुर्किए के खिलाफ खोला मोर्चा

देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) चीन, तुर्किए तथा अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने पर देश भर के व्यापारियों एवं लोगों से अह्वान किया है कि वो तुर्किए तथा अज़रबैजान की यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करें और इन दोनों देशों द्वारा भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का समर्थन करने पर करारा जवाब दें. चीन को लेकर कैट विगत कई वर्षों से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का अभियान चलाए हुए है, जिसका व्यापक असर पड़ा है.

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तुर्किए एवं अज़रबैजान की यात्राओं के बहिष्कार के संबंध में कैट ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स संगठनों सहित विभिन्न अन्य संबंधित वर्गों से सम्पर्क कर इस अभियान को तेज करेगा. उधर दूसरी ओर तुर्की और अजरबेजान के साथ व्यापार बंद करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय आगामी 16 मई को कैट द्वारा नई दिल्ली में आयोजित देश के प्रमुख व्यापारी नेताओं के एक राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया जाएगा. 

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तुर्किए ने मंगलवार भारतीय पर्यटकों से तुर्की में “स्वागत है” कहा था. तुर्किए के पर्यटन विभाग की तरफ़ से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा था कि भारत-पाकिस्तान तनाव का तुर्कीए में कोई असर नहीं है. यह सब कुछ सामान्य है और भारतीयों के आराम और सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा.

...तो अजरबैजान पर पड़ेगी तगड़ी आर्थिक मार 

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अज़रबैजान में भी काफी भारतीय पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे वहां की अर्थव्‍यवस्‍था को काफी समर्थन मिलता है. उन्‍होंने बताया कि साल 2024 में कुल विदेशी आगमन लगभग 2.6 मिलियन पर्यटक था, जिसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 2.5 लाख थी और प्रति भारतीय पर्यटक औसत खर्च: 2,170 AZN था, जो लगभग $1,276 होता है. इस लिहाज से भारतीय पर्यटकों का खर्च $308.6 मिलियन के लगभग अज़रबैजान में होता है.

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भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से अज़रबैजान को लगभग $308.6 मिलियन का प्रत्यक्ष नुकसान होगा. चूंकि भारतीय पर्यटक मुख्यतः अवकाश, मनोरंजन, विवाह, और साहसिक गतिविधियों के लिए अज़रबैजान जाते हैं, इन क्षेत्रों में भी आर्थिक मंदी बड़े पैमाने पर हो सकती है. 

भारत अगर तुर्किए और अजरबैजान की इन दुकानों को बंद कर देता है, तो आर्थिक नुकसान होने से इन्‍हें अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इन देशों के  होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर, और अन्य संबंधित व्यवसायों को भी नुकसान होगा.

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