रूस के बाद यूक्रेन में हालात लगातार खराब हो रहे हैं. यूक्रेन (Ukraine) के अलग-अलग शहरों में अब भी हजारों भारतीय फंसे हुए हैं. कई शहरों में भारतीय छात्रों ने बंकरों में शरण ली है. लेकिन अभी भी यूक्रेन से लगे देशों की सीमाओं (Borders) पर भी सैकड़ों छात्र मौजूद हैं . यूक्रेन से लौटी छात्रा सोनाली ने एनडीटीवी (NDTV) को बताया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वहां के लोगों के लिए लड़ रहे हैं. वह चाहते तो अपने और अपने परिवार को सुरक्षित कर सकते थे. यूक्रेन बहुत प्यारा है. वहां के लोगों ने हमें मदद की है.
सोनाली ने भारत लौटने पर बताया कि वो रोमानिया बॉर्डर (Romania Border) के जरिए वापस लौटी. सोनाली ने कहा कि 24 तारिक की सुबह उनके नजदीक एयरपोर्ट (Airport) पर अटैक हुआ. जिसके बाद वहां मौजूद तमाम स्टूडेंट बुरी तरह डर गए. जिस वजह से उन्हें नजदीक बंकरों में जाने को कहा गया. फाइटर जेट (Fighterjet) की आवाजें सुनकर हर कोई बुरी तरह सहम गय था. इसके बाद भारत सरकार ने कहा कि आप लोग किसी भी तरह बॉर्डर तक पहुंचे, क्योंकि वहां हमें निकालने वाली फ्लाइट खड़ी है. लेकिन हमें मालूम नहीं था कि बॉर्डर तक पहुंचना हमारे लिए इतना मुश्किल हो जाएगा.
इसके बाद सोनाली ने यूक्रेन के लोगों की जमकर तारीफ की. छात्रा ने कहा कि हमें यहां के लोगों से जो प्यार मिला है वो सच में कमाल है. यकीनन इस जगह के लोगों का भी कोई जवाब नहीं है. सोनाली ने यूक्रेन के राष्ट्रपति की भी जमकर सराहना करते हुए कहा कि वो खुद अपने देश के लिए लड़ रहे हैं, जबकि वो चाहे तो अपनी फैमिली को सुरक्षित रह सकते हैं. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी फैमिली की सुरक्षा की बजाय देश को ज्यादा तवज्जो दी.
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