नेपाल के लोग फिलहाल नहीं ले सकेंगे एवरेस्ट और MDH मसालों का जायका, ये है वजह

एवरेस्ट और एमडीएच (Nepal Banned MDH Everest Spices) हैं. दोनों ही मसाला ब्रांड भारत में बहुत ही पॉपुलर हैं. लगभर हर घर में इन मसालों से बने खाने का जायका लिया जाता है. लेकिन नेपाल ने दोनों ही ब्रांड के मसालों को प्रतिबंधित कर दिया है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नेपाल ने भी एवरेस्ट और एमडीएच मसालों पर लगाया बैन.
नई दिल्ली:

भारतीय मसालों को लेकर पिछले महीने जो विवाद शुरू हुआ था, वह अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग होते हुए ये विवाद अब नेपाल तक पहुंच गया है. नेपाल ने भारतीय ब्रांड के दो मसालों पर बैन (Nepal Banned Indian Spices Brand MDH Everest) लगा दिया है. जिन दो ब्रांड के मासालों को नेपाल ने बैन किया है, वह एवरेस्ट और एमडीएच (MDH Everest Spices) हैं. दोनों ही मसाला ब्रांड भारत में बहुत ही पॉपुलर हैं. लगभर हर घर में इन मसालों से बने खाने का जायका लिया जाता है. लेकिन नेपाल ने भी एवरेस्ट और MDH मसालों को प्रतिबंधित कर दिया है. 

नेपाल में भी MDH, एवरेस्ट मसाले बैन

दोनों ही मसालों में हानिकारक केमिकल मिलने के आरोपों के बाद नेपाल ने यह कदम उठाया है. नेपाल के खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के अधिकारी मोहन कृष्ण महाराजन ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि उनके देश में इंपोर्ट होने वाले दोनों भारतीय मसाला ब्रांडों एवरेस्ट और एमडीएच में हानिकारण केमिकल पाया गया है, इसीलिए इसके आयात पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि बाजार में इन मसालों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि मसालों में पाए गए केमकल की जांच की जा रही है. टेस्ट की फाइनल रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध जारी रहेगा." 

हानिकारक केमिकल का हवाला देकर मसाले पर बैन

मोहन कृष्ण महाराजन ने कहा कि हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर पहले ही दोनों मसालों पर बैन लगा चुका है.नेपाल ने यह कदम उनके बाद उठाया है. वहीं भारत सरकार के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि अलग-अलग देशों में 0.73 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक EtO के इस्तेमाल की इजाजत है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों को ईटीओ के इस्तेमाल के लिए एक मानक तैयार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन देशों में मसालों पर प्रतिबंध  भारत के कुल मसाला निर्यात के एक प्रतिशत से भी कम है.

Advertisement

भारतीय मसाला बोर्ड ने उठाए क्या कदम?

मसाला विवाद के बीच भारतीय मसाला बोर्ड ने इन क्षेत्रों में भारतीय मसाला एक्सपोर्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं. बोर्ड ने टेक्नो-वैज्ञानिक समिति की सिफारिशों को लागू किया है, जिसने मेन कारण जानने की कोशिश की और इसके प्रोसेसिंग फेसिलिटी का भी निरीक्षण किया. टेस्टिंग के लिए सेंपल्स सर्टिफाइड लैब में भेजे गए हैं. 

Advertisement

भारतीय मसाला बोर्ड ने 130 से ज्यादा निर्यातकों और संघों, जैसे कि अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच और भारतीय मसाला और खाद्य पदार्थ निर्यातक संघ, को शामिल करते हुए एक स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन का भी आयोजन किया. बोर्ड ने सभी निर्यातकों को ईटीओ ट्रीटमेंट के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. मसाला बोर्ड ने भारत से निर्यात होने वाले मसालों में ईटीओ कॉन्टेमिनेशन को रोकने के लिए ये कदम उठाया है.

Advertisement

MDH, एवेरेस्ट में कैंसर कारक केमिकल होने का आरोप

बता दें कि अप्रैल महीने में हॉन्गकॉन्ग ने भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला प्रोडक्ट को बैन कर दिया था. इसकी वजह उन्होंने कैंसर पैदा करने वाले केमिकल एथिलीन ऑक्साइड पाया जाना बताई थी. 

Advertisement

ये भी पढ़ें-Explained: MDH और Everest मसाले सिंगापुर-हांगकांग में क्यों हुए बैन? क्या इससे कैंसर का खतरा? जानें पूरा मामला

ये भी पढ़ें-हांगकांग-सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट मसालों पर बैन के बाद केंद्र सरकार का एक्शन, सैंपलों की होगी टेस्टिंग

Featured Video Of The Day
Sambhal BREAKING: SP MP Ziaur Rahman Barq पर बिजली चोरी का Case दर्ज, मीटर से छेड़छाड़ के मिले सबूत