ब्रिटेन में एक भारतीय मूल की महिला पुलिसकर्मी को पदोन्नति के लिए एक मूल्यांकन साक्षात्कार के दौरान कार्यस्थल ट्रांसफ़ोबिया के बारे में एक कहानी गढ़ने के लिए घोर कदाचार का दोषी पाया गया है. न्यूज टाइम्स यूके के मुताबिक, पुलिस सार्जेंट सारा श्रीवास्तव ने सहयोगियों के बारे में एक ट्रांसजेंडर अधिकारी के साथ भेदभाव करने और उनके व्यवहार को चुनौती देने के लिए कदम उठाने के बारे में झूठ बोला. कदाचार सुनवाई के दौरान वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने सार्जेंट सारा श्रीवास्तव को पुलिस सेवा को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
न्यूज टाइम्स यूके के मुताबिक सारा श्रीवास्तव ने कहा, "झूठ बोलने के लिए मुझे खेद है, यह बेवकूफी थी. मैं पल भर में फंस गई हूं." अनुशासनात्मक पैनल ने कहा कि श्रीवास्तव ने "पेशेवर आचरण के तीन मानकों का उल्लंघन किया था और गंभीर कदाचार के दोषी थी. सुनवाई के बाद उन्हें अंतिम लिखित चेतावनी दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीवास्तव को 27 साल की सेवा के बाद सीरियस ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट में पदोन्नत किए जाने की उम्मीद थी.
श्रीवास्तव ने तब दावा किया कि उसने एक सहकर्मी को चुनौती दी थी, जिसने एक अधिकारी को एक ट्रांसफोबिक टिप्पणी की और फिर उनसे इसके लिए माफी मांगी. हालांकि, उसका झूठ तब पकड़ा गया जब साक्षात्कारकर्ता, एक जासूसी निरीक्षक, उसके कार्यस्थल पर आया और ट्रांसजेंडर अधिकारी से सीधे बात करने पर जोर दिया. बेनकाब होने के डर से श्रीवास्तव ने जासूस से कहा कि उसने साक्षात्कार के दौरान कहानी गढ़ी थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)