ऑपरेशन सिंदूर: कराची पर हमले के लिए तैयार थी नेवी, जानिए भारत के सामने कहां टिकती है पाक की नौसेना

ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन नेवी की क्या भूमिका रही? क्या नेवी ने कराची पर हमले की योजना बनाई थी? इंडियन नेवी के सामने पाकिस्तान की नौसेना कहां टिकती है? जानिए इन सब सवालों के जवाब इस रिपोर्ट में.

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ऑपरेशन सिंदूर पर नौसेना की क्या थी तैयारी?

Indian Navy in Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सोच-समझ कर, पूरी रणनीति के साथ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकाने तबाह किए. इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए. भारत की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की भरसक कोशिश की. लेकिन पाक की हर कोशिश नाकाम साबित हुई. भारतीय सेना के तीनों अंगों (जल, थल, वायु) ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया. 

इंडियन नेवी ने पाक को घुटने पर ला दिया

ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाक संघर्ष के दौरान इंडियन नेवी ने अरब सागर में अपनी तैनाती से पाकिस्तान को सरेंडर करने पर विवश कर दिया. नेवी ने केवल अपनी मौजूदगी से ही पाकिस्तान में वो डर भर दिया, जिससे वो सामने से सीजफायर का ऑफर लेकर भारत के पास पहुंच गया. 

पाकिस्तान ने अब कुछ किया तो...

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाले भारतीय सैन्य अधिकारियों के दल में शामिल इंडियन नेवी के वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद ने कहा, "यदि इस बार पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की तो वह जानता है कि हम क्या करने जा रहे हैं." उन्होेंने यह भी कहा कि हमें बस हां का इंतजार था. हमारी तैयारी पूरी थी.

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कराची पर हमले के लिए तैयार थी इंडियन नेवीः ए एन प्रमोद

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना कराची सहित अन्य चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने को पूरी तरह तैयार थी. उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ. 96 घंटे के भीतर भारतीय नौसेना की हर जगह तैनाती थी.  

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इंडियन नेवी की आक्रमक कार्रवाई ने पाक को डिफेंसिव होने पर मजबूर किया

ए एन प्रमोद ने कहा नौसेना की आक्रमक कार्रवाई ने पाक नौसेना को रक्षात्मक होने पर मजबूर किया. 24 अप्रैल को नौसेना ने अरब सागर में सरफेस टू एयर मिसाइल का परीक्षण किया. वह भी रियल टाइम सिनोरियो में अपनी क्षमता को दिखाते हुए. यह दिखाया कि हमारे पास मल्टी लेयर एयर डिफेंड सिस्टम है. नौसेना का पूरी फ्लीट अरब सागर में तैयार दिखा.

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जंग के लिए पूरी तरह से तैयार थी इंडियन नेवी

कैरियर बैटल ग्रुप 100 से 200 किलोमीटर तक एरिया डोमिनेट करता है. विमानवाहक पोत, लड़ाकू विमान, डिस्ट्रायर, फ्रिगेट, पी 8 आई, पनडुब्बी, विमान वाहक पोत के साथ मिल -29 k लड़ाकू विमान भी तैयार थे. जो डिफेंस के साथ-साथ अटैक करने में सक्षम है. 

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26 अप्रैल को ब्रह्मोस सहित कई मिसाइलों का परीक्षण

एयर बोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर भी दुश्मन के जहाज पर नजर रखने के लिए तैयार थी. 26 अप्रैल को नौसेना ने एक और सरफेस टू सरफेस मिसाइल समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया, इसमें ब्रह्मोस भी शामिल था. युद्ध होने की सूरत में अपनी ऑपरेशनल क्षमता दिखाई. 

सभी जहाजों के सेंसर, डाटा शेयर सबकुछ लिंक हो चुके थे

सारे जहाज के सेंसर, कम्युनिकेशन सब एक-दूसरे से जुड़े थे. डाटा शेयर से लेकर सबकुछ, ऐसे लगा नौसेना हर स्थिति के तैयार है. एक पूरा कंपोजिट यूनिट था. ब्रह्मोस से लेकर युद्पोत में बराक मिसाइल समेत बहुत सारे हथियार तैनात थे. पनडुब्बी में भी तारपीडो लगे थे, जो युद्पोत के साथ साथ बंदरगाह को तबाह करने की क्षमता रखते थे. 

अब जानिए भारत के सामने कहां टिकती है पाक की नौसेना

  • भारतीय नौसेना के सामने पाकिस्तानी नौसेना की कोई हैसियत नहीं है.
  • पाकिस्तानी नौसेना से बड़ी भारत का वेस्टर्न फ्लीट है.
  • पाकिस्तान के पास 8 फिग्रेट है. इसमें से 4 चीन ने दी है.
  • 5-6 पनडुब्बी है, डिस्ट्रायर एक भी नहीं है. कुछ पेट्रोल बोट है. 
  • भारत के पास  13 से 14 डिस्ट्रायर है. वहीं 13-14 फिग्रेट है. 
  • भारतीय नौसेना के पास 40 लड़ाकू विमान है. जबकि पाकिस्तान के पास एक भी लड़ाकू विमान नहीं है.
  • भारत के पास 12 पी 8 आई विमान है. जो निगरानी करने के साथ साथ जहज और पनडुब्बी पर मिसाइल फायर कर सकता है.
  • एयरकाफ्ट कैरियर -2 है, जबकि पाकिस्तान के पास एक भीं नही है.
  • भारतीय नौसेना दुनियां की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना है.  

भारतीय नौसेना की आक्रमक कार्रवाई का ही नतीजा रहा कि पाकिस्तानी नौसेना अपनी बंदरगाह से बाहर नहीं निकल पाई. उसे बार-बार डर सता रहा था कि भारतीय नौसेना ने हमला कर दिया तो उनको बचाने कौन आएगा. उनके एयरकॉफ्ट को पहले ही वायुसेना ने पंगू बना दिया था. ऐसे में नौसेना के आगे वह कुछ नहीं कर सके. नौसेना के युद्धपोत को छोड़िए उसका बंदरगाह तक तबाह हो जाता.