भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने गुरुवार को INSV तारिणी के जरिए समुद्र के सबसे कठिन पॉइंट नीमो (Point Nemo) को पार कर लिया. लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए, लिटलटन, न्यूजीलैंड से पोर्ट स्टेनली फ़ॉकलैंड द्वीप समूह की अपनी यात्रा के तीसरे चरण में गुरुवार को 12 बजकर 30 मिनट (IST)पर IST पॉइंट नीमो से होकर गुज़रे. भारतीय नौसेना के लिए यह कदम ऐतिहासिक है. बता दें कि पॉइंट नीमो एक महासागरीय ध्रुव है. यह पृथ्वी के किसी भी छोर से करीब 2,688 किलोमीटर दूर है, जो कि समुद्र का सबसे दूर वाला प्वॉइंट है.
भारतीय नौसेना की बड़ी उपलब्धि
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि पॉइंट नीमो को पार करना 'नाविका सागर परिक्रमा II' मिशन में एक अहम मील का पत्थर है. इससे भारत की नौसेना के समुद्री नेविगेशन क्षमता और साहस का पता चलता है.
भारतीय नौसेना ने एक्स पर लिखा, "लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की पॉइंट नीमो को पार करना उनके साहस का प्रमाण है."
पॉइंट नीमो से लिया गया पानी का सैंपल
बता दें कि अपनी इस यात्रा के दौरान दोनों नौसेना अधिकारियों ने इस समुद्री क्षेत्र से पानी के सैंपल इकट्ठा किए. इसका परीक्षण राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान करेगा. नौसेना ने एक बयान में कहा कि इन सैंपलों से समुद्री जैव विविधता और पानी की रासायनिक संरचना समेत समुद्री स्थितियों पर अहम डेटा मिलने की उम्मीद है. यह समुद्र विज्ञान रिसर्च में अहम योगदान देगा.
पॉइंट नीमो क्या है?
पॉइंट नीमो महासागर का पोल कहलाता है. यह समुद्र में सबसे दूरी का पॉइंट है. यह जगह समुद्र के बीच में मौजूद है और किसी भी छोर से करीब 2,688 किमी दूरी पर है. बता दें कि यह स्पेसक्राफ्ट का कब्रिस्तान भी कहलाता है. यहां से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सिर्फ 400 किमी की दूरी पर है. तारिणी के लिए इस पॉइंट तक पहुंचना चुनौती भरा था. इसे नौसेना की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. पॉइंट नीमो प्रशांत महासागर के बीच में मौजूद ऐसी जगह है, जहां पर इंसान तो दूर कोई जीव-जंतु और वनस्पति तक नहीं है. इस पॉइंट के सैकड़ों किमी तक कोई जीव नहीं पाया जाता है.