सरकार को "ईमानदार" होना चाहिए: चीनी सैनिकों के साथ झड़प पर कांग्रेस

पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर यांग्त्से के पास झड़प हुई.

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सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया.

नई दिल्ली:

भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई थी. इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया है और लिखा है कि 'एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रमकता और निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए.'

दरअसल पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर यांग्त्से के पास झड़प हुई. भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएलए (चीन की सेना) के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई. हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता से सामना किया. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं.'' ‘‘दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए. इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक' की.''

सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया. हालांकि, एक सूत्र ने संकेत दिया कि इसमें 200 से अधिक चीनी सैनिक शामिल थे और वे डंडे और लाठियां लिए हुए थे और चीनी पक्ष की ओर घायलों की संख्या अधिक हो सकती हैं. लेकिन इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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