चीन से लगी सीमा पर दिखा भारतीय सेना का शौर्य, अगली पीढ़ी के युद्ध कौशल का किया गया सफल अभ्यास

अभ्यास के दौरान मल्टी डोमेन युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए ड्रोन निगरानी, लक्ष्य की रीयल-टाइम पहचान, सटीक प्रहार, आकाश से लेकर समुद्र में दबदबे और सैनिकों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय का अभ्यास किया गया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
(फाइल फोटो)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में मल्टी डोमेन युद्धक क्षमता के साथ अभ्यास युद्ध कौशल सफलतापूर्वक किया
  • इस युद्धाभ्यास में ड्रोन निगरानी, रीयल-टाइम लक्ष्य पहचान और सटीक प्रहार की आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन हुआ
  • ASHNI पलटन ने पहली बार अगली पीढ़ी की तकनीक और जमीनी युद्ध कौशल के समन्वय का प्रभावी नमूना प्रस्तुत किया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
तवांग:

एक तरफ जहां एससीओ समिट के दौरान भारत और चीन की करीबियों ने दुनिया भर के नेताओं का ध्यान खींचा है, वहीं भारतीय सेना चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के तवांग में अगली पीढ़ी के युद्ध की तैयारियां कर रही है. तवांग के कामेंग क्षेत्र की दुर्गम पहाड़ियों में भारतीय सेना ने अभ्यास युद्ध कौशल 3.0 को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस युद्धाभ्यास के दौरान सेना ने आधुनिक तकनीक, नवाचार और उत्कृष्ट पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन किया.

अभ्यास के दौरान मल्टी डोमेन युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए ड्रोन निगरानी, लक्ष्य की रीयल-टाइम पहचान, सटीक प्रहार, आकाश से लेकर समुद्र में दबदबे और सैनिकों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय का अभ्यास किया गया. युद्धभ्यास का खास आकर्षण सेना की ASHNI पलटन रही जिसने पहली बार दिखाया कि अगली पीढ़ी की तकनीक और जमीनी युद्ध कौशल का समन्वय कैसे भविष्य के युद्धों में निर्णायक बढ़त दिला सकता है.

अभ्यास की एक विशेषता भारतीय रक्षा उद्योग की सक्रिय भागीदारी रही जिसमें पिछले एक दशक में काफी बदलाव हुए हैं. सेना ने अपने बयान में कहा कि अभ्यास से यह साबित हुआ है कि स्वदेशी रक्षा नवाचार से जीत दिलाने की अहम तकनीकें विकसित हो रही हैं.

अभ्यास से यह साबित हुआ कि दुर्गम ऊंचाइयों वाले विपरीत माहौल में सेना की तैयारियां कितनी पुख़्ता हैं. साथ ही अभ्यास ने दिखाया कि भारतीय सेना मानव रहित युद्ध प्रणालियों, सटीक हमला करने वाले हथियारों और मल्टी डोमेन युद्धक परिस्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में तवांग में भारतीय सेना का अभ्यास ड्रेगन की त्यौरियां चढ़ा सकता है.

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi ने Voter Adhikar Yatra से कितने वोट जोड़े? | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Syed Suhail