भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों में से एक हैं: वायुसेना प्रमुख

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि यह वर्षों से जारी पूर्व सैन्यकर्मियों के ‘‘निरंतर प्रयासों और उपयोगी सेवाओं’’ के जरिए ही संभव हो सका है.

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भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी
नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने रविवार को कहा कि युद्ध के समग्र परिदृश्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने बदलते समय के साथ स्वयं को बदला है. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने आठवें ‘सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस' के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सैन्यकर्मियों के जज्बे, नेतृत्व और दूरदर्शिता ने आज के सशस्त्र बलों की नींव रखी है.

दिल्ली छावनी के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना के तीनों अंगों के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी, बड़ी संख्या में पूर्व सैन्यकर्मी और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हुए.

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, ‘‘हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों में से एक हैं और उन्होंने युद्ध के समग्र परिदृश्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बदलते समय के साथ स्वयं को बदला है.''

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि विशेष रूप से, लगभग 90 साल पहले बहुत ही मामूली शुरुआत करने वाली भारतीय वायुसेना ‘‘दुनिया की सबसे दुर्जेय वायु सेनाओं में से एक'' बन गई है.

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि यह वर्षों से जारी पूर्व सैन्यकर्मियों के ‘‘निरंतर प्रयासों और उपयोगी सेवाओं'' के जरिए ही संभव हो सका है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमारे सभी पूर्व सैन्यकर्मियों के उत्कृष्ट योगदान को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकारता हूं, जिनके जज्बे, नेतृत्व और दूरदर्शिता ने आज के सशस्त्र बलों की नींव रखी है.''

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि आज उन सभी पूर्व सैन्यकर्मियों को याद करने का भी दिन है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने कर्तव्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.''

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सबसे युवा सेना- भारतीय वायुसेना केवल 91 वर्ष की है और 31 दिसंबर, 2023 तक ‘‘हमारे रिकॉर्ड में 2,21,204 पूर्व सैन्यकर्मी हैं.''

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने पेंशन प्रशासन प्रणाली (रक्षा) यानी स्पर्श और अन्य पहलों के संबंध में कुछ डेटा भी साझा किया.नौसेना प्रमुख ने सशस्त्र बलों में पूर्व सैन्यकर्मियों के योगदान को रेखांकित किया.

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उन्होंने कहा, ‘‘मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि आज की हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारे पूर्व सैन्यकर्मियों के दूरदर्शी नेतृत्व, अटूट प्रयासों और नि:स्वार्थ सेवा का परिणाम हैं. मैं आपमें से प्रत्येक को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस विरासत को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.''

नौसेना प्रमुख ने कहा कि इस दिशा में नौसेना के प्रयास युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बल बनने पर केंद्रित हैं.

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उन्होंने कहा कि बल अपनी कई अभियानगत प्रतिबद्धताओं को पूरा करते हुए अपने पूर्व सैन्यकर्मियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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