चीन से लगी पूर्वी सीमा पर भारतीय वायुसेना एक बार फिर सैन्य अभ्यास करने जा रही है. वायुसेना ईस्टर्न सेक्टर में एक से पांच फरवरी तक कमांड लेवल पर अभ्यास करेगी. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पिछले साल दिसंबर में भारतीय सैनिकों के साथ चीन की झड़प के बाद यह वायुसेना का दूसरा अभ्यास है.
'पूर्वी आकाश' नाम का यह अभ्यास कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है. इस अभ्यास में वायुसेना अपने सभी कंपोनेंट, जैसे लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, यूएवी और परिवहन विमान को बखूबी परखेगी. इस अभ्यास में सुखोई और रफाल जैसे फाइटर के साथ-साथ अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे और टांसपोर्ट हेलीकॉप्टर चिनूक भी हिस्सा लेंगे.
इस अभ्यास में पश्चिम बंगाल के हाशिमारा, कलाईकुंडा, असम के तेजपुर, झाबुआ के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश की हवाई पट्टियों से फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलिकॉप्टर उड़ान भरेंगे.
यह अभ्यास इसलिए भी और अहम हो जाता है क्योंकि फिलहाल चीन से लगी सीमा, यानी कि एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनातनी बढ़ी हुई है. करीब पौने तीन साल से दोनों देशों में संबंध अच्छे नही रहे हैं.