भारतीय वायुसेना में कल शामिल होगा लड़ाकू विमान राफेल, अंबाला एयरबेस पर होगा समारोह

अंबाला में होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनााथ सिंह, फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली, सीडीएस जनरल विपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे

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लड़ाकू विमान राफेल गुरुवार को भारतीय वायुसेना में शामिल होगा.
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राफेल 4.5 जनरेशन के दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में एक
पहला स्क्वाड्रन अंबाला में और दूसरा पश्चिम बंगााल के हाशिमारा में होगा
राफेल अंबाला से पाकिस्तान पर और हाशिमारा से चीन पर नजर रखेगा
नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए गेम चेंजर कहा जाने वाला राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान गुरुवार को अंबाला एयरबेस (Ambala airbase) पर वायुसेना में शामिल हो जाएगा. सुबह 10 बजे से होने वाले इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनााथ सिंह (Rajnath Singh), फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली, सीडीएस जनरल विपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे. अंबाला में फ्रांस से पांच राफेल विमान 27 जुलाई को पहुंचे थे. अगले दो सालों में वायुसेना में राफेल के दो स्क्वाड्रन में 36 विमान शामिल होंगे. राफेल का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में और दूसरा पश्चिम बंगााल के हाशिमारा में होगा. राफेल अंबाला से पाकिस्तान पर और हाशिमारा से चीन पर नजर रखेगा.

साल 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल खरीदने का फैसला किया था. विपक्ष और खासकर कांग्रेस ने इस सौदे पर सरकार पर आरोप लगाया था कि यह काफी मंहगा सौदा है. 

राफेल 4.5 जनरेशन के दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में एक है. यह दो इंजन वाला मल्टी रोल एयरकाफ्ट है. यह एक ऐसा एयरक्राफ्ट है जो एक ही उड़ान में कई मिशन को अंजाम दे सकता है. इसमें मेटेओर मिसाइल लगी है. यह 150 किलोमीटर तक हवा से हवा में मार करने वाली दुनिया की घातक मिसाइलों में से एक है. इसमें स्कैल्प मिसाइल भी लगी है जो हवा से जमीन पर मार करने के लिए है. यह 300 किलोमीटर तक दुश्मन के घर में घुसकर मार करने में सक्षम है. तीसरी मिसाइल मीका है, जो हवा से हवा में मार करती है. इसकी रेंज है करीब 80 किलोमीटर. साथ में इसमें खतरनाक हैमर मिसाइल भी है जो हवा से जमीन पर 60 किलोमीटर तक हमला कर सकती है. 

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राफेल की रफ्तार 2,130 प्रतिघंटा है. यह रडार को चकमा देने में माहिर है. यह दूर से ही दुश्मन पर बाज की तरह नजर रख सकता है. एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह 24500 किलोग्राम तक का वजन ले जाने में सक्षम है. यह परमाणु हमला भी कर सकता है. राफेल चीन के जे 20 और पाकिस्तान के एफ 16 से कहीं आगे है. इसके मुकाबले में यह दोनों विमान कहीं नहीं ठहरते. 

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राफेल अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत दिखा चुका है. बड़ी बात ये है कि भारतीय वायुसेना की जरूरत के मुताबिक विमान में फेरबदल भी किए गए हैं. सटीक मरक क्षमता और अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल की टक्कर का कोई विमान आसपास नहीं है. इस वजह से कोई भी इससे टकराने से पहले कई बार सोचेगा. 

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