खालिस्तानी आतंकी की हत्या की साजिश के भारतीय आरोपी को प्रत्यर्पित किया जा सकता है US : चेक कोर्ट

निखिल को पिछले साल जून में प्राग में चेक अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था, लेकिन अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल पर दोहरी अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता वाले सिख अलगाववादी पन्नून को मारने की योजना में भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
निखिल गुप्ता ने तर्क दिया कि यह गलत पहचान का मामला है...
नई दिल्‍ली:

चेक रिपब्लिक कोर्ट ने 52 वर्षीय भारतीय निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिस पर अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने का आरोप है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चेक न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को ये फैसले सुनाया. मामले में सभी संबंधित पक्षों को फैसला सुनाए जाने के बाद अंतिम निर्णय न्याय मंत्री पावेल ब्लेज़ेक के हाथों में छोड़ दिया गया. 

गलत पहचान का मामला...

निखिल को पिछले साल जून में प्राग में चेक अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था, लेकिन अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल पर दोहरी अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता वाले सिख अलगाववादी पन्नून को मारने की योजना में भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है. चेक समाचार वेबसाइट seznamzpravy.com के अनुसार, निखिल गुप्ता ने तर्क दिया कि यह गलत पहचान का मामला था और उन्होंने कहा कि वह, वो व्यक्ति नहीं हैं, जिसे अमेरिका तलाश रहा था. उन्होंने इस मामले को "राजनीतिक" से प्रेरित बताया.

समय सीमा नहीं...

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से चेक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "इस बिंदु पर मंत्री के निर्णय की समय सीमा नहीं मानी जा सकती है." मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यदि निचली अदालत के फैसलों के संबंध में कोई संदेह उत्पन्न होता है, तो न्याय मंत्री के पास चेक सुप्रीम कोर्ट की राय लेने के लिए तीन महीने का समय है. प्राग उच्च न्यायालय ने पहले निचली अदालत के दिसंबर के फैसले के खिलाफ गुप्ता की अपील को खारिज कर दिया था, जिसने फैसला सुनाया था कि प्रत्यर्पण की अनुमति है.

हत्या की योजना बनाने का आरोप

चेक गणराज्य ने ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी प्रत्यर्पण अनुरोधों को अनुमति दी है. निखिल गुप्ता के वकील ने चेक अदालत से प्रत्यर्पण को अधिकृत नहीं करने का अनुरोध किया है. पिछले साल दिसंबर में, फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि इस मामले में एक उच्च पदस्थ भारतीय अधिकारी शामिल था, जिसकी पहचान "सीसी-1" के रूप में की गई, इस पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया. अमेरिकी न्याय विभाग ने एक अभियोग में दावा किया कि सीसी-1 ने एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन के माध्यम से गुप्ता के साथ संवाद करके भारत में एक आपराधिक मामले को सुलझाने में गुप्ता की सहायता करने के बदले में हत्या की योजना बनाई.

अमेरिकी सरकार ने तर्क दिया कि निखिल के खिलाफ आरोपों का सबूत केवल तभी देगी, जब वह पेश होंगे और न्यूयॉर्क शहर की अदालत में उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. हत्या के लिए एक गुप्त संघीय एजेंट को नियुक्त करने के लिए अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ साजिश रचने के आरोपी गुप्ता पर गंभीर आरोप हैं, जिसके दोषी पाए जाने पर उन्हें 10 साल की जेल की सजा हो सकती है.

ये भी पढ़ें :- दावोस में भारत का दबदबा: वैश्विक कारोबार का केंद्र बन रहा देश, ताकतवर देशों को दिया संदेश

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pakistan Vs Afghanistan: खूनी जंग! कौन किसे मार रहा? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article