सुभाष चंद्र बोस में अंग्रेजों को चुनौती देने का था साहस, वह होते तो देश का विभाजन नहीं होता : NSA अजीत डोभाल

डोभाल ने बोस के जीवन के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की और कहा कि उनमें महात्मा गांधी को चुनौती देने का साहस भी था, लेकिन इसके साथ ही, डोभाल ने कहा कि बोस के मन में गांधी के लिए बहुत सम्मान था. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के लिए बोस का योगदान अनुकरणीय है. 
नई दिल्‍ली:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शनिवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस में अंग्रेजों को निडर होकर चुनौती देने का साहस था और अगर वह उस समय होते तो भारत का विभाजन नहीं होता. डोभाल ने कहा कि बोस भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ने के लिए दृढ़ थे और कभी भी आजादी की भीख नहीं मांगना चाहते थे. उन्होंने कहा कि वह न केवल राजनीतिक अधीनता को समाप्त करना चाहते थे बल्कि महसूस करते थे कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलना होगा और “उन्हें आकाश में मुक्त पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए”.

उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति व्याख्यान में एनएसए ने यह बात कही. 

अपने संबोधन के दौरान, डोभाल ने बोस के जीवन के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की और कहा कि उनमें महात्मा गांधी को चुनौती देने का साहस भी था, लेकिन इसके साथ ही, डोभाल ने कहा कि बोस के मन में गांधी के लिए बहुत सम्मान था. 

डोभाल ने कहा, “यह विचार उनके दिमाग में आया कि ‘मैं अंग्रेजों से लड़ूंगा, मैं आजादी की भीख नहीं मांगूंगा. यह मेरा अधिकार है और मुझे इसे प्राप्त करना होगा.”

Advertisement

उन्होंने कहा, “अगर सुभाष बोस होते तो भारत का विभाजन नहीं होता. जिन्ना ने कहा कि मैं केवल एक नेता को स्वीकार कर सकता हूं और वह सुभाष बोस हैं.”

Advertisement

डोभाल ने कहा कि भारत के लिए बोस का योगदान अनुकरणीय है. 

उन्होंने कहा, “भारतीय इतिहास में, बहुत कम समानताएं हैं या वैश्विक इतिहास में जहां लोगों में धारा के खिलाफ बहने का साहस था - और यह आसान धारा नहीं थी. यह शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य की धारा थी.”

Advertisement

डोभाल ने कहा, “नेताजी ने कहा कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता और आजादी से कम पर समझौता नहीं करूंगा.”

एनएसए ने बताया कि नेताजी ने कहा “मैं इस देश को न केवल राजनीतिक अधीनता से मुक्त करना चाहता हूं” बल्कि उनका मानना था कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलना होगा, और “उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए”.

Advertisement

डोभाल ने कहा, “बोस के पास ऐसा साहस था जो किसी अन्य के पास नहीं था. परिणामों की परवाह किए बिना, उनके पास प्रचलित शक्तियों को चुनौती देने का साहस था. उन्होंने अद्वितीय बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.”

ये भी पढ़ें :

* इजराइल के विदेश मंत्री को समय से पहले खत्म करना पड़ा भारत दौरा, हुए 3 अहम समझौते
* अजीत डोभाल की सऊदी, UAE और अमेरिका के NSA के साथ मीटिंग क्यों चर्चा में है? जानिए वजह
* "आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" : SCO देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में बोले अजीत डोभाल

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Weather Update: Srinagar, Mount Abu, Delhi समेत तमाम राज्यों में मौसमा का Triple Attack