"भारत बर्दाश्त नहीं करेगा...": मालदीव विवाद पर लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल पटेल

भारत और मालदीव के बीच विवाद तब शुरू हुआ, जब मालदीव के मंत्रियों मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद ने एक्स पर पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी पोस्ट की.

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नई दिल्ली:

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने कहा है कि मालदीव के तीन मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी, भारत की गरिमा को भी चुनौती है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया, "भारत इस तरह का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. पूरे देश ने प्रधानमंत्री के साथ एकजुटता दिखाई है. मैं प्रधानमंत्री और लक्षद्वीप के साथ खड़े होने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं."

हालांकि पटेल ने मालदीव से सार्वजनिक माफी मांगने की बात को खारिज किया और कहा कि टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को अनुशासित किया गया है.

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प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने कहा, "हम इसके बारे में (सार्वजनिक माफी) बात नहीं करने जा रहे हैं. हमारे मूल्य अलग हैं. उन्हें ऐसी टिप्पणियां करने की जरूरत नहीं थी. उन्हें सरकार ने उनके कार्यों के लिए दंडित किया है. इससे पता चलता है कि अपने पीएम का कोई भी अपमान भारत बर्दाश्त नहीं करेगा. बॉलीवुड हस्तियों से लेकर क्रिकेटरों के साथ-साथ देश के आम लोगों ने भी मालदीव को करारा जवाब दिया है.''

ये पूछे जाने पर कि क्या वह मालदीव के लोगों का लक्षद्वीप में स्वागत करेंगे, प्रशासक ने कहा, "ये हमारे देश की परंपरा है. अगर वे आना चाहते हैं, हमारी सुंदरता की सराहना करते हैं और खुश हैं, तो इससे हमें भी खुशी होगी. इसमें गलत क्या है. निश्चित रूप से, उन्हें आना चाहिए."

दरअसल विवाद तब शुरू हुआ, जब मालदीव के मंत्रियों मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद ने एक्स पर पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी पोस्ट की. ऐसा तब हुआ जब प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप की अपनी यात्रा से तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए, जिसमें उन्हें प्राचीन समुद्र तटों पर स्नॉर्कलिंग और आराम करते देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री के पोस्ट ने सोशल मीडिया यूजर्स को छुट्टियों में लक्षद्वीप जाने पर जोर दिया था.

राजस्व के लिए भारतीय पर्यटकों पर बहुत अधिक निर्भर रहने वाले मालदीव ने टिप्पणी पर तेजी से प्रतिक्रिया व्यक्त की. द्वीप राष्ट्र ने कहा, "जिन लोगों ने सरकारी पदों पर रहते हुए सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए, उन्हें निलंबित कर दिया गया है."

हालांकि, ये घटना एक राजनीतिक और कूटनीतिक विवाद में बदल गई है, खासकर मालदीव में विपक्षी सांसदों ने इसका इस्तेमाल सत्तारूढ़ दल पर हमला करने के लिए किया है. पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने टिप्पणियों को 'भयानक' कहा और अपने उत्तराधिकारी मोहम्मद मुइज्जू से अपनी सरकार को इन टिप्पणियों से दूर रखने के लिए कहा. इस बीच, भारत ने मालदीव के दूत को दिल्ली में तलब किया है.

बड़े पैमाने पर चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं.

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शीर्ष पद के लिए अपने चुनाव के बाद, मुइज्जू इस सप्ताह चीन की यात्रा पर हैं, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था.

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